लखनऊ, यूपी
प्रदेश के दोनों राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग और फार्मेसी कोर्स की मंज़ूरी मिलने के बाद अब आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड की टीम 26 अक्टूबर को लखनऊ के स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज का दौरा करेगी। ये टीम अपनी रिपोर्ट 29 अक्टूबर को तिब्बी बोर्ड को देगी। टीम के दो सदस्यों के नामों का का एलान कर दिया गया है।
आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ अखिलेश कुमार वर्मा के हस्ताक्षर से जारी आदेस में डॉ नफासत अली अंसारी, प्रोफेसर, स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज एवं चिकित्सालय लखनऊ और डॉ सैयद शहाबुद्दीन अशरफ, सदस्य तिब्बी बोर्ड को टीम में सदस्य बनाया है। दोनों सदस्य 26 अक्टूबर को स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज एवं चिकित्सालय, लखनऊ का दौरा करेंगे। टीम के सदस्य कॉलेज में कोर्स से संबंधित बुनियादी सुविधाओं पर अपनी रिपोर्ट 29 अक्टूबर को बोर्ड को देंगे। इसके बाद बोर्ड कोर्स की मंज़ूरी देगा।
इस संबंध में यूनानी सेवा निदेशालय के निदेशक डॉ मोहम्मद सिकंदर हयात सिद्दीकी ने पीएनएस से खास बातचीत में बताया कि निदेशालय स्तर से एवं कॉलेज स्तर से कोर्स के लिए सभी सुविधाएं पूरी कर ली गई है। निदेशालय की कोशिश है कि दोनों कोर्स अगले सत्र से शुरु हो जाएं। इस कोर्स के शुरु होने से प्रदेश के छात्रों को काफी फायदा होगा।
शासन से मिली थी 14 सितंबर मंज़ूरी
प्रदेश की योगी सरकार ने आयूष विधा को बढ़ावा देते हुए इसी साल 14 सितंबर को दोनों राजकीय यूनानी कॉलेजों में नर्सिंग और फार्मासिस्ट का कोर्स चलाने की अनुमति निदेशालय को प्रदान की थी। लखनऊ और इलाहाबाद यूनानी कॉलेजों के लिए 20-20 सीटें नर्सिंग की और 20-20 सीटें फार्मासिस्ट की चलाने की अनुमति मिली थी। इस संबंध में निदेशालय ने शासन इसी साल 3 अगस्त 2018 को पत्र लिखा लिखा था। इस पत्र में दोनों कॉलेजों में नर्सिंग और फार्मासिस्ट कोर्स को मंज़ूरी देने की मांग की गई थी। इसी पत्र को जवाब में विशेष सचिव सोबरन सिंह ने यूनानी निदेशालय को पत्र भेजा है जिसमें स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज, लखनऊ में डिप्लोमा इन यूनानी नर्सिंग और डिप्लोमा इन यूनानी फार्मासिस्ट की 20-20 सीट और राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद के लिए डिप्लोमा इन यूनानी नर्सिंग और डिप्लोमा इन यूनानी फार्मासिस्ट की 20-20 सीट की मंजूरी दी गई है।