देहरादून, उत्तराखंड
राज्य में एक अदालत द्वारा उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री हरक सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है। कई बार समन भेजने के बावजूद कोर्ट में पेश न होने पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय समेत छह आरोपियों के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया गया है। अदालत ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण करने वाले सात नेताओं को ज़मानत दे दी।
21 दिसंबर 2009 को तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ विधान सभा कूच किया था। पुलिस के मुताबिक कूच के दौरान उन्होंने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की, पथराव, मारपीट और बलवा किया था। कई बार नोटिस भेजने के बावजूद आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हो पा रहे थे। सात अप्रैल को अदालत ने हरक सिंह, सुबोध उनियाल समेत 25 आरोपियों के खिलाफ ज़मानती वारंट जारी किए थे।
अदालत द्वारा वारंट जारी होने के बाद कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, विधायक कुंवर प्रणव सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, दिनेश अग्रवाल, प्रदीप टम्टा, मनीष नागपाल और महेशानंद शर्मा ने अपनी ज़मानत करवा ली थी।
शुक्रवार को लालचंद शर्मा, विजय सिंह चौहान, विकास चौधरी, सतपाल ब्रह्मचारी, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, अशफाक रावत और ट्विंकल अरोड़ा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमएम पांडेय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जहां से उन्हें 25-25 हजार के दो-दो ज़मानती देने पर जमानत मिल गई। दूसरी तरफ अदालत में पेश न होने वाले हरक सिंह रावत, किशोर उपाध्याय, संग्राम सिंह पुंडीर, विनोद रावत, शंकर चंद रमोला और शिवेश बहुगुणा के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट आदेश जारी कर दिए। साथ ही एसएसपी निवेदिता कुकरेती को वारंट तामील कराने के निर्देश भी दिए। इस मामले में अगली सुनवाई चार मई को होगी।