लखनऊ, यूपी
तालीम से बढ़कर कोई धन नही है और जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कर रहे हैं वोसमाज के लिए बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है जो निचले स्तर से ऊपर तक हर वर्ग के लोगों को आपस में जोड़ता है। प्राइमरी स्कूलों का काम नन्हें-मुन्हें बच्चों को शुरूआत से ही शिक्षा की ओर उनका रूझान करना और शिक्षा के महत्व को धीरे-धीरे उनमें पिरोना है। ये बातें प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने अपर निदेशकों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों के की बैठक में कही। ये बैठक इन अधिकारियों के कामों का जायज़ा लेने के लिए रखी गई थी। ये बैठक आवास विकास परिषद के सभागर में आयोजित की गई थी।
मंत्री अहमद हसन ने कहा कि हमें ईश्वर की कृपा से ही शिक्षा विभाग की खिदमत करने का मौका मिला है जिसे पूर्ण निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के साथ हम कर रहे हैं। हाल ही में बेसिक शिक्षा में बड़े पैमाने में शिक्षकों की भर्ती की गयी है। इससे प्रदेश के सभी जिलों के प्राइमरी स्कूलों में टीचर मौजूद हैं। बैठक में मौजूद समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनके दायित्वों और कर्तव्यों की याद दिलाते हुये अहमद हसन ने कहा कि आप सबके सहयोग से ही प्राइमरी स्कूलों चलाया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता सबसे पहले बच्चे हैं जिनकी शिक्षा-दीक्षा की ओर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने मिड-डे मील के अन्तर्गत स्कूलों में दिये जाने वाले भोजन के सम्बन्ध में सभी बीएसए को यह निर्देश दिये कि बच्चों को दिये जाने वाला भोजन गुणवत्तापूर्ण होना चाहिये। फल, दूध, खाना सभी उच्च स्तर का होना चाहिये और इस काम में किसी भी प्रकार की हीला-हवाली को माफ नहीं किया जाएगा।
अहमद हसन ने ट्रांसफर नीति के अन्तर्गत कुछ ज़िलों में लिपिकों को अभी तक स्थानान्तरण के बाद कार्य मुक्त न किये जाने पर सख्त नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि यदि सात दिन के अन्दर स्थानान्तरित लिपिक कार्यमुक्त नहीं किये जाते हैं तो संबंधित ज़िलों के बीएसए तुरन्त हटाये जायेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अधिकांश बीएसए अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा, निदेशक साक्षरता अवध नरेश शर्मा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा, निदेशक मिड-डे मील हेमन्त कुमार और मिड-डे मील के वित्त और लेखाधिकारी केडीबीवी सिंह मौजूद थे।