जेद्दाह, सऊदी अरब
ईरान के साथ संबंध को लेकर सऊदी अरब ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सऊदी अरब का कहना है कि ईरान इस इलाके में अपना दबाव बढ़ा रहा है ऐसे में उससे किसी भी तरफ की बातचीत नहीं की जाएगी। ये बात सऊदी अरब के डिप्डी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में कही।
सऊदी अरब के डिप्टी प्रिंस ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच बेहतर संबंध का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। डिप्टी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि पहले भी की बार हमने ईरान से बातचीत की है जब वहां माध्यम दर्जे की लीडरशिप सत्ता में थी। उसके बाद जब कट्टरवादी लोग सत्ता में आए तो सभी बातचीत फेल हो गई। डिप्टी प्रिंस ने कहा कि हम ये समझते हैं कि ईरान बातचीत के लिए गंभीर नहीं है। इस मामले में उन्होंने पैगम्बर-ए-इस्लाम का वह कौल बताया कि एक मुसलमान कभी भी दो बार बेवकूफ नहीं बन सकता है।
डिप्टी प्रिंस ने कहा कि ईरान के साथ ये वंशवादी समस्या है कि वह कभी भी एक बेहतर पड़ोसी साबित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ईरान ये सोचता है कि इमाम मेंहदी के आने से पहले वह मुस्लिम वर्ल्ड के लिए जमीन तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिया मैथोलॉजी के मुताबिक उनके 12वें व आखिरी इमाम मेंहदी जो 9वीं सदी में पर्दा कर गए थे वो एक दिन इस दुनिया में आएंगे।
डिप्टी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि ईरान का गोल है कि वह काबा और मदीना की मस्जिदों पर अपनी सत्ता हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि हम कैसे ये मान लें और इस परिस्थिति में हम ईरान के साथ कैसे बात करें।
Good Iran is a dangerous country for humanity