आरा, बिहार
आंतकी हमले में शहीद हुए मुजाहिद खान का जनाज़ा उनके घर पहुंचा। जम्मू कश्मीर के करन नगर जिले में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले में भारतीय जवान मोजाहिद खान शहीद हो गए। बुधवार सुबह उनका जनाज़ा उनके गृह नगर आरा पहुंचा। शहीद मुजाहिद खान के अंतिम दर्शन के लिए घर पर हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। 49वीं बटालियन के जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दांव पर लगा दिया, पर अफसोस कि उनके अंतिम दर्शन के लिए न तो कोई मंत्री पहुंचा और न ही किसी सियासतदान ने सुध ली।
इस इलाके के विधायक शहीद के घर जब पहंचे थे तब उस वक्त तक जनाज़ा उनके घर नहीं पहुंचा था। नेताओं के इस व्यवहार से मुजाहिद के परिवार और स्थानीय लोगों में भारी नाराज़गी है। उनका कहना है कि देश के लिए जान देने वाले वीर जवान के लिए सांसदों, जन प्रतिनिधियों और मंत्रियों के पास समय नहीं है।
सीआरपीएफ जवान मुजाहिद खान, सितंबर 2011 में सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन में शामिल हुए थे। केरल के पलीपुरम में मुजाहिद ने ट्रेनिंग ली थी, इसके बाद हैदराबाद में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी और फिर वह श्रीनगर चले गए थे। उनके परिवार वाले कहते हैं कि मुजाहिद के अंदर बचपन से ही देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।