लखनऊ, यूपी
यूपी पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तॉ एंड ऑर्डर) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा है कि लखनऊ मुठभेड़ में मारे गए सैफुल्लाह का आईएसआईएस से कोई सीधा लिंक नहीं है। दलजीत सिंह ने कहा कि गिरफ्तार अन्य संदिग्धों का भी आईएस से कोई सीधा लिंक नहीं है। इससे पहले तमाम न्यूज़ चैनल और अखबार ने यूपी पुलिस के हवाले से ये खबर चलाई थी कि सैफुल्लाह का आईएस से लिंक हैं।
दलजीत सिंह ने साफ़ किया कि इनका इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है। ये इंटरनेट, सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए आईएस से प्रभावित हुए थे और ‘खुरासान ग्रुप’ बनाकर खुद अपनी पहचान बनाना चाहते थे।
इससे पहले मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि बम ब्लास्ट की तस्वीरें आतंकियों ने सीरिया भेजी थी। इससे संबंधित सवाल पर दलजीत चौधरी ने कहा, ‘हो सकता है कि मध्य प्रदेश पुलिस के पास ऐसी कोई जानकारी हो, लेकिन हमें ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनकाउंटर और गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों से जुड़ी जानकारी देते हुए दलजीत चौधरी ने बताया कि 4 लोग लखनऊ के ठाकुरगंज के मकान में किराये पर रह रहे थे।
दलजीत चौधरी ने बताया कि ये लोग आपस में मिलकर योजना बनाते थे। ‘ट्रेन में आईईडी ब्लास्ट भी इसी क्रम में अंजाम दिया गया। घटना के बाद वहां तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मुज़फ्फर, दानिश अख्तर, सैयद मीर ने जो सूचनाएं दी उसके आधार पर इटावा, औरैया, कानपुर नगर और लखनऊ में छापे मारे गए। एडीजी के मुताबिक इस संगठन से जुड़े कुछ और लोगों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।