कर्नाटक हाई कोर्ट मंगलवार को हिजाब से संबंधित रिट याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है। सरकार अब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज की उन छह लड़कियों की जांच कर रही है, जो क्लास के अंदर हिजाब पहनने की इजाजत मांग रही हैं। भगवा शॉल या हेडस्कार्फ के साथ राज्य भर में लड़कियों के विरोध और समर्थन के बीच यह मुद्दा गरमाया हुआ है। बीजेपी विधायक रघुपति भट ने इस मामले में सरकार की ओर से की जा रही रही जांच की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने पुलिस विभाग से कहा था कि वह लड़कियों और उनके माता-पिता के अन्य संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध की जांच करे। विधायक ने कहा कि लड़कियों की किसी भी मीटिंग और उनके कॉल रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। भट के अनुसार, यह पता लगाना जरूरी है कि लड़कियों पर किसी अंतरराष्ट्रीय या आतंकी संगठन की ओर से नजर रखी जा रही है या नहीं।
छात्रों का ग्रुप सोमवार को भगवा शॉल पहने कैंपस पहुंचा
वहीं, कुंडापुर के वेंकटरमण कॉलेज के छात्रों का ग्रुप सोमवार को भगवा शॉल पहने जुलूस निकालते हुए कैंपस पहुंचा। कॉलेज के प्रिंसिपल और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। छात्रों ने कहा कि अगर छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाएगी, तो वे भी शॉल पहनेंगे। प्रिंसिपल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि हिजाब पहने किसी छात्रा को कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसके बाद छात्र शॉल हटाकर कॉलेज में जाने पर सहमत हुए।
हिजाब पहनकर आईं छात्राओं को अलग क्लास में बैठाया गया
कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज में भी प्रिसिंपल ने हिजाब पहनकर आई मुस्लिम छात्राओं से बात की और उन्हें सरकार का आदेश समझाया, लेकिन छात्राओं ने कहा कि वह हिजाब पहने रहेंगी। इसके बाद उन्हें एक अलग क्लास में जाने को कहा गया।
छात्रों के लिए यूनिफॉर्म को अनिवार्य बनाने से विवाद
राज्य भर में यह विवादास्पद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए यूनिफॉर्म को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी में कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं।