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22 Nov 2024, Fri

नई दिल्ली

करीब सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिला। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया है। सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। जिस वक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, उस समय कोर्ट रूम में सिर्फ जज, जेल के अधिकारी और वकील ही मौजूद थे।

न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा
वहीं, कोर्ट से न्याय मिलने के बाद पीड़िता की मां ने कहा, ‘मेरी बेटी को न्याय मिला है। 4 दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी। इस फैसले से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास मजबूत होगा।’

न्यायालय ने सभी पक्षों को सुना
इससे पहले कोर्ट ने अभियोजन, निर्भया के माता-पिता के वकील और बचाव पक्ष के वकीलों को सुनने के बाद मामले पर अपना फैसला दोपहर 3:30 बजे तक सुरक्षित रख लिया था। अदालत को ये तय करना है कि आज डेथ वारंट जारी किया जाए या दोषियों को क्‍यूरेटिव याचिका दाखिल करने के लिए समय दिया जाए।

14 दिनों का मिलेगा मौका
इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने अदालत में स्‍टेटस रिपोर्ट दायर की थी। सरकारी वकील की तरफ से अदालत में बताया गया कि दोषियों की कोई दया याचिका लंबित नहीं है। दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी है। डेथ वारंट जारी करना मामले का अंत नहीं होगा, क्‍योंकि उसके बाद कानूनी प्रकिया के मुताबिक अन्‍य कानूनी विकल्‍पों पर विचार करने के लिए 14 दिन का मौका उनको मिलेगा। वहीं, निर्भया के परिजनों के वकील ने कहा कि डेथ वारंट जारी करने में कोई बाधा नहीं है। लिहाजा वारंट जारी किया जाना चाहिए और विकल्‍पों के लिए 14 दिनों की समससीमा का भी अनुपालन किया जाना चाहिए। लेकिन हमारी मांग है कि डेथ वारंट जारी किया जाए।

जज ने पूछे ये सवाल
जज ने सवाल पूछा कि दया याचिका दायर करने के लिए समयसीमा क्‍या है? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि उचित और निर्धारित समय 7 दिन है। एमिकस क्‍यूरी ने कहा कि मुझे मुकेश द्वारा पेंटिंग्स दिखाया गई थी। मुझे मेडिकल हिस्‍ट्री के कुछ दस्तावेज़ दिखाए गए थे। मुझे सभी दस्तावेजों को ध्‍यान से पढ़ना होगा, क्‍योंकि मुझे मुकेश और विनय का प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत द्वारा प्रभार दिया गया है।

जेल अधिकारियों को दिए गए थे ये निर्देश
पिछली सुनवाई में अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह मामले के चारों दोषियों को नए सिरे से नोटिस जारी करें और उन्हें एक हफ्ते के भीतर यह बताने के लिए कहें कि क्या वे राष्ट्रपति के सामने फांसी की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं। दरअसल, निर्भया की मां ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों को जल्द फांसी दिए जाने की मांग करती याचिका दायर की हुई है।

खारिज हुई थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका 18 दिसंबर ख़ारिज होने के बाद उसी दिन निर्भया की मां की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई थी। ट्रायल कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया था कि वह दोषियों को नोटिस जारी कर उनसे पूछे कि पुनर्विचार याचिकाओं के ख़ारिज होने के बाद वह अब अपने बचाव में क्या क़ानूनी रास्ता अपनायेंगे और कितने दिन में।

निर्भया की मां ने की थी ये मांग
निर्भया की मां ने ट्रायल कोर्ट यानि निचली अदालत से दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए ब्लैक वारंट जारी करने का गुहार लगाई है। ब्लैक वारंट वही निचली अदालत, सेशन कोर्ट जारी करती है जिसमें मामले की ट्रायल हुई है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को बुधवार को नोटिस जारी कर दिया था जिसमें उन्हें राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए 7 दिन को मोहलत दी गई है।

यह नोटिस दिल्ली जेल नियम 837 के तहत जारी किया गया है जिसमें दोषियों को नोटिस मिलने के बाद सात दिनों की मोहलत मिलती है राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए। इस बीच अगर दया याचिका दायर नहीं होती है तो जेल प्रशासन दोषियों के ख़िलाफ़ आगे की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले के एक दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी थी जबकि अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही ख़ारिज कर चुका है। इस तरह चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई दोषियों की पेशी
दोषियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। दोषी विनय को जेल नम्बर- 4 से और बाकि तीन दोषियों मुकेश, पवन तथा अक्षय को जेल नम्बर- 2 पेश किया गया। पेशी के दौरान ही मीडिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बाहर कर दिया गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करने के लिए तय किया गया समय पहले ही खत्म हो चुका था और अब निर्भया को इंसाफ मिलने का इंतजार भी खत्म हो गया। 14 दिन बाद 22 जनवरी को दोषियों को फांसी दे दी जाएगी।

चार को दी गई थी फांसी की सजा
अब आज निर्भय के दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया है। बता दें कि निर्भया के छह आरोपी थे। कोर्ट ने चार मुजरिमों को फांसी की सजा सुना रखी है। एक नाबालिग मुजरिम को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र भेजा हुआ है और छठें मुजरिम ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी।

16 दिसंबर, 2012
वो तारीख थी 16 दिसंबर, साल था 2012, बस का नम्बर था DL 1PC 0149 और जगह थी दिल्ली के मुनिरका का बस स्टॉप। यहां से निर्भया और उसका दोस्त बस में चढ़े। वो नहीं जानते थे कि दिल्ली की बरसती सर्द ठंड ने बस में पहले से मौजूद लोगों के अंदर वाले इंसान को जमा दिया है। एक नाबालिग समेत बस में मौजूद छह लोगों ने निर्भया को अपनी हवस को शिकार बनाया और उसके साथ बर्बरता की। निर्भया के दोस्त को पीटा, और फिर दोनों को महिपालपुर के पास सड़क किनारे छोड़कर चले गए।

निर्भया का दोस्त राहगीरों से मदद मांगता रहा
निर्भया का दोस्त राहगीरों से मदद मांगता रहा लेकिन बड़े शहर के छोटे चरित्र ने उनकी बेबसी और लाचारगी को दरकिनार कर दिया। थोड़ा वक्त बीता तो मौके पर पुलिस पहुंची, जिसने निर्भया को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। आप यकीन मानिए जितने आसान शब्दों में ये बात लिखी गई है, उतना ही भयंकर वो दृश्य था, जिसे हमने लिखने से छोड़ दिया। निर्भया ने हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर के एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उस वक्त निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए पूरी दिल्ली सड़कों पर आ गई थी।

By #AARECH