लखनऊ, यूपी
वर्तमान समय में देश में उग्र कट्टरवाद अपने चरम पर है, इसकी वजह से कमज़ोर और मज़लूम लोगों को आसानी से निशाना बनाया जा रहा है। अफवाह फैलाकर आतंकी भीड़ मासूमों को मौत के घाट उतार रही है। महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इसका सबसे ज़्यादा शिकार अल्पसंख्यक समाज हो रहा है। ऐसे में देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एससी एसटी एक्ट जैसा कानून बनाना ज़रूरी है। ये बातें लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सामाजिक संगठनों के कहीं।
राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में कई सामाजिक संगठन एडवांस इंडिया सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले इकठ्ठा हुए। इन संगठनों ने दंशभर में अल्पसंख्यकों समुदाय की लगातार हो रही हत्या की कड़ी निंदा की। इन संगठनों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की।
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद इलियास आज़मी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा का विरोध देश की अधिकांश जनता कर रही है। मुठ्ठी भर लोग इस काम को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई मौके पर लोगों ने इन आतंकी भीड़ के खिलाफ आवाज़ उठाई है पर ऐसे कट्टरपंथी लोगों को मिली शह की वजह से लोग खामोश हो जाते हैं। इन आतंकी भीड़ की वजह से लोग बेबस महसूस कर रहे हैं।
समाजसेवी शारिक अहमद ने कहा कि भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं चार सालों में काफी बढ़ गई हैं। एक तरफ देश विश्व पटल पर अपनी छवि बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ ये घटनाएं देश की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धुमिल कर रही हैं।
समाजसेवी हरदीप पुरी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी हिंसक लोग अफवाहों के नाम मासूम लोगों की हत्या कर रहे हैं। ये कट्टरपंथी एक प्लान के तहत अल्पसंख्यक समुदाय की छवि को बिगाड़ कर देश का माहौल खराब कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रेस कांफ्रेंस में रिहाई मंच के शाहनवाज़ खान, मिस्टर लायल, इरफान मिर्ज़ा, आरिफ वसवीं, मौ उवैश, मनप्रीत सिंह, डेविड आरसी कुमार, इरशाद अली, नारायन सिंह, अहमद वहीद, उस्मान सिद्दीकी, मोहम्मद सलमान, इरफान सिद्दीकी, सरदार जगप्रीत सिंह, नवेद सलीम कस्सार, इरशाद अली, गुरुप्रीत सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।