लखनऊ, यूपी
यूपी में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए सभी दलों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बीच बढ़ते सियासी पारे में एक नया राजनीतिक गठबंधन सामने आया हैं। ये गठबंधन 16 छोटे दलों ने मिलकर बनाया है और इसका नाम राजनीतिक परिवर्तन महासंघ रखा गया। इस गठबंधन ने यूपी सीएमपद के लिए मुस्लिम उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। राज्य में छोटे-छोटे दलों के सहयोग के बूते सत्ता के शिखर पर पहुंचने का मंसूबा लिए ये गठबंधन बनाया गया है।
राजधानी लखनऊ के गांधी प्रेक्षाग्रह में इस गटबंधन का पहला सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें 16 राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं एकजुटता का परिचय देते हुए हिस्सा लिया। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी को इस महासंघ का संयोजक बनाया गया है। मौलाना आमिर रशादी पिछले लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैदान में उतर चुके हैं। इसके साथ ही ईश्वरचंद को इसका अध्यक्ष और गोपाल राय को मीडिया प्रबारी बनाया गया है।
मौलाना आमिर रशादी ने पत्रकारों को बताया कि आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस, बीजेपी, सपा और बीएसपी ने जनता को सिर्फ धोखा दिया। इसमें भी विशेषकर मुसलमानों का सिर्फ शोषण ही किया गया है। केंद्र की पूर्व कांग्रेस के नेतृत्व की यूपीए सरकार से ऊबकर जनता ने अच्छे दिनों की तलाश में सत्ता परिवर्तन किया था और मोदी जी को पीएम बनाया था लेकिन जनता के बुरे दिन अब बी जारी हैं।
मौलाना रशादी ने कहा कि अब 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता एक ऐसा विकल्प ढूंढ रही है, जो उसे सोनिया, मोदी, माया, और मुलायम से छुटकारा दिला सके। इसके लिए हम सब लोगों ने राजनीतिक परिवर्तन महासंघ का गठन किया गया है। ये महासंघ पूरे यूपी में चुनाव लड़ेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव चिंह और सीटों के बंटवारे को लेकर बांद में बात कर ली जाएगी।
महासंघ के मीडिया प्रभारी गोपाल राय ने कहा कि नवगठित गठबंधन का सीएम कोई मुसलमान ही होगा। यह फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि तमाम कुर्बानियों और योगदान के बावजूद मुस्लिम समुदाय का कोई भी व्यक्ति अब तक यूपी का सीएम नहीं बनाया गया है। इस लिए ये ज़रूरी है कि कोई मुसलमान सीएम बने ताकि इस समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
गोपाल राय ने कहा कि महासंघ में शामिल कोई भी दल अपने आप में कोई मज़बूत ताकत नहीं है, लेकिन वह अपने-अपने प्रभाव वाले इलाकों में 4 हज़ार से लेकर 20 हज़ार तक वोट हासिल करने का ताकत रखता है। इसलिए अगर वह एकजुट होकर एक साथ आएंगे तो यूपी में बड़ा उलटफेर हो सकता है। ये महागठबंधन इसी इरादे से बना है।
घटक दल
राजनीतिक परिवर्तन महासंघ में राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, इनसाफ स्वराज पार्टी, स्वराष्ट्र जन पार्टी, सवर्ण समाज पार्टी, राष्ट्रीय अंबेडकर दल, ब्रह्मास्त्र, भारतीय प्रजातंत्र निर्माण पार्टी, नया दौर पार्टी, देशभक्ति निर्माण पार्टी, इंसाफ वादी महाकान, वतन जनता पार्टी, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी, पिछड़ा जन समाज पार्टी, वंचित समाज इंसाफ पार्टी तथा युवा जन क्रांति पार्टी शामिल है।
इलेक्शन मेनिफेस्टों
इनमें से कई राजनीतिक दल पहले चुनाव लड़ चुके हैं। गठबंधन के मेनिफेस्टों में उत्तर प्रदेश को 4 हिस्सों में यानी पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड में बांट कर उनका नियोजित विकास की बात कही गई है। युवा आयोग, सवर्ण आयोग और बुनकर आयोग का गठन करने, सवर्ण समाज के गरीबों के लिए सरकारी सेवाओं में 12 प्रतिशत आरक्षण देने, संविधान के अनुच्छेद 341 में आरक्षण देने के लिए लगी धार्मिक पाबंदी को खत्म कराने का प्रयास करने के वादे शामिल हैं।