पटना, बिहार
नवादा ज़िले में मुसलमानों पर पुलिस बर्बरता मामले में इमारत-ए-शरिया पर गैर ज़िम्मेदाराना बयान देने और ज़िम्मेदारी न निभाने के लेकर सामाजिक संगठनों ने सवाल उठाया है। इन संगठनों ने कहा है कि नाज़िम इमारत-ए-शरिया बिहार-उड़ीसा-झारखंड की अवाम को गलत बयान देकर गुमराह करने के मामले में अपने पद से तुरंत इस्तीफा दें।
क्या है मामला
दरअसल 5 अप्रैल को नवादा में मुसलमानों पर पुलिस बर्बरता के दोषियों पर एक महीना बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाही नहीं होने पर सामाजिक संगठनो ने इमारत-ए-शरिया के जिम्मेदारों की ख़ामोशी पर सवाल उठाये थे। इसके जवाब में इमारत-ए-शरिया की तरफ से आपत्ति की जताई गयी थी और तरदीदी बयान जारी करके कहा गया था कि उनके ज़िम्मेदार नवादा में पुलिसिया बर्बरता की मौके पर जाकर जांच की थी और सकी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके आधार पर इमारत-ए-शरिया के नाज़िम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरे अधिकारियों से बात करके कार्रवाही करने की गुहार लगाई थी।
इमारत-ए-शरिया का दावा गलत
सामाजिक संगठनों ने इस मामले की तस्दीक की तो पता चला कि ऐसी कोई जांच नहीं हुई और न ही रिपोर्ट तैयार की गई। नवादा के क़ाज़ी, वहां के जिम्मेदारों और पीड़ित लोगों ने किसी भी तरह की जांच से साफ इंकार कर दिया। सामाजिक सांगठनों का दावा है कि इमारत-ए-शरिया का जांच करने का दावा पूरी तरह से गलत साबित हुआ है।
इस्तीफा की मांग
नवादा मामले की लड़ाई लड़ रहे सामाजिक संगठनों ने नाज़िम और मीडिया प्रभारी इमारत-ए-शरिया पर नवादा पुलिस बर्बरता मामले में गैर ज़िम्मेदारी निभाने का ल्ज़ाम लगाया है। इसके साथ ही संगठनों ने कहा कि बिहार-उड़ीसा-झारखंड की अवाम को गलत बयान देकर गुमराह करने के मामले में नाज़िम अपने पद से तुरंत इस्तीफा दें। संगठनों ने कहा कि है कि वर्तमान नाज़िम इमारत-ए-शरिया पूर्व में हज कमिटी के चेयरमैन जैसे पद पर बिहार सरकार की तरफ से मनोनीत किये जा चुके हैं। ऐसे में वह सरकार के खिलाफ कैसे बयान दे सकते हैं।