वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले को लेकर बरेलवी धर्मगुरू मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने खुलकर बोला है। उन्होंने कहा कि इस मामले को तूल देकर माहौल बिगाड़ा जा रहा। मौलाना ने ताजमहल के मुद्दे को भी बेवजह का मामला बताया है। सुन्नी बरेलवी मसलक के ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। उनके मुताबिक बनारस की ऐतिहासिक ज्ञानवापी मस्जिद मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर ने बनवाई थी ये सरासर झूठ बात है।
बताया गया कि साल 1669 के वक्फ नामा का हवाला दिया जा रहा है, मगर उसके अध्ययन से कहीं यह बात साबित नहीं होती कि मंदिर को तोड़ा गया है। चेतावनी भरे लहजे में मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि दूसरी मस्जिद पर अगर हमला हुआ तो हिन्दुस्तान के मुसलमान खामोश बैठने वाले नहीं है। मौलाना के मुताबिक केंद्र सरकार ने 1991 में धर्म स्थलों से जुड़े विवादों में यथा स्थिति बनाए रखने के लिए एक कानून पार्लियामेंट में पास किया था। इस कानून में बाबरी मस्जिद मुद्दे को बाहर रखा गया था।
बताया गया कि इस कानून में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि 1947 से पहले जो धर्म स्थल जिस स्थिति में था उसी स्थिति में रहेगा। मौलाना के मुताबिक चंद फिरकापरस्त ताकतें भारत की गंगा—जमुनी तहजीब और इत्तेहाद को तोड़ने में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को बाबरी मस्जिद की तरह राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है।