लखनऊ, यूपी
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने देश में हो रही आतंकवादी घटनाओ की निंदा की है। कौंसिल का मानना है कि ऐसी घटनाएं शासन, प्रशासन और इंटेलीजेंस एजेंसियों की विफलता की वजह से हो रही है। कौंसिल ने आरोप लगाया कि बेकसूर मुस्लिम नौजवानों को आतंकवाद के आरोप में फर्जी तरीके से गिरफ्तार किया जा रहा है। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने ये बाते लखनऊ के प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहीं।
मौलाना रशादी ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से गठित नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी NIA अपने गठन के उद्देश्यों में बुरी तरह से असफल साबित हो रही है। दूसरी तरफ मीडिया का एक वर्ग ऐसी तमाम वारदातों को बिना किसी जांच और सबूत के देश के मुसलमानों के साथ जोड़ रही है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि मीडिया का एक वर्ग बदनियती से काम कर रहा है। इससे देश का माहौल खराब हो रहा है।
मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि कुछ लोग गिरफ्तार किए गए लोगों को जांच के बगैर ही गुनाहगार साबित कर रहे हैं। इसकी वजह से जांच प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से उलेमा और मौलाना को आतंकवादी संगठनों से जोड़कर गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 29 मुसलमानों को एनआईए, एटीएस और स्पेशल ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, यूपी, तमिलनाडु, राजस्थान और उत्तराखण्ड से की गई हैं।
मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि ये देखकर साबित होता है कि देश में आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम नौजवानो और धर्म गुरुओं का शोषण किया जा रहा है औऱ मुसलमानो को बदनाम करने का षड़यंत्र रचा गया है। उन्होंने इसे सरकारी आतंकवाद बताते हुए चेतावनी दी कि राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल केंद्र औऱ प्रदेश सरकारों के सरकारी आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही करेगी। मौलाना रशादी ने कहा कि कौंसिल इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाएगी।