नई दिल्ली
दिल्ली की सीबीआई अदालत से 15 दिन की पैरोल मिलने के बाद मुख्तार अंसारी का जेल से बाहर निकलना अब भी मुश्किल है। चुनाव आयोग के पेंच लगाने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सुनवाई की लेकिन फैसला 22 फरवरी तक टाल दिया और मुख्तार अंसारी की रिहाई लगी रोक जारी रखी। चुनाव आयोग ने मुख्तार अंसारी को पैरोल मिलने का विरोध किया है। दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने हिरासत में पैरोल पर 22 फरवरी तक के लिए रोक लगा दी।
मुख्तार अंसारी की रिहाई पर अब भी रोक जारी रहेगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वह 22 फरवरी को इस मामले पर दोबारा सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट 22 फरवरी को इस मामले में फैसला सुना सकता है। हाल ही बीएसपी में शामिल हुए मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें 4 मार्च तक के लिए हिरासत में पैरोल मिली थी ताकि वह अपना चुनाव में प्रचार कर पाएं।
चुनाव आयोग का कहना है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद हत्याकांड में सुनवाई का सामना कर रहे मुख्तार अंसारी पैरोल मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आयोग के वकील दयान कृष्णन ने कहा था कि आरोपी समाज के लिए गंभीर खतरा है। आयोग के वकील ने पैरोल देने के निचली अदालत के 17 फरवरी के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। चुनाव आयोग की दलील का मुख्तार अंसारी के वकील एस एस गांधी ने यह कहते हुए विरोध किया कि विधायक को पहले भी ऐसी राहत दी जा चुकी है।