नई दिल्ली
पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की पेरोल की याचिका खारिज कर दी है। मुख्तार अंसारी की पेरोल याचिका के खिलाफ चुनाव आयोग ने हाइ कोर्ट में अपील दायर की थी। चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में कहा था कि मुख्तार अंसारी को पेरोल मिलने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। आयोग ने आशंका जताई थी कि उनके के बाहर आने से चुनावी प्रचार पर असर पड़ेगा।
इस मामले में हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को नोटिस भेज कर जवाब मांगा था। हालांकि चुनाव प्रचार के लिए मुख्तार अंसारी को सीबीआई कोर्ट से पेरोल मिल गई थी। मुख्तार अंसारी पर नवंबर 2005 में कृष्णा नंदन राय की हत्या का आरोप है। वो इस मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं।
इससे पहले शुक्रवार को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग, मुख्तार अंसारी और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, यूपी सरकार ने भी विधायक को मिली राहत का विरोध किया था। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
दरअसल मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी और उनकी पार्टी का हाल ही में बीएसपी में विलय हुआ था। बीएसपी ने उन्हें मऊ सदर विधान सभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। सीबीआई अदालत ने चुनाव प्रचार करने के लिए 16 फरवरी को उन्हें चार मार्च तक के लिए हिरासत में पैरोल पर रखा है।