लखनऊ, यूपी
कांग्रेस को ‘हिस्ट्रीशीटर पार्टी’ करार देते हुये केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि देश में अब तक सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले इस दल ने लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संवैधानिक मान्यताओं का “गला घोटने” का काम किया है। आपातकाल की वर्षगांठ पर ‘काला दिवस’ के तहत आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा कि ‘आपातकाल की सामंती, अलोकतांत्रिक-तानाशाही कांग्रेसी मानसिकता’ आज भी जिन्दा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के माथे पर लगा आपातकाल का कलंक कभी नहीं मिट सकता। आपातकाल में हजारों लोकतंत्र समर्थकों की हत्या-जुल्म-बर्बरता वह सच्चाई है जिसने भारत के लोकतंत्र की आत्मा को झकझोर दिया था। इस इतिहास को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होने कहा कि कांग्रेस आज भी उसी मानसिकता और मकसद से सियासत कर रही है। संसदीय मूल्यों, संवैधानिक-लोकतान्त्रिक मर्यादाओं की धज्जियाँ उड़ाना कांग्रेसी संस्कृति का हिस्सा है।
नकवी ने कहा कि आपातकाल के जुल्म और जुर्म के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों का हिस्सा बनाने से नयी पीढ़ी उस बदनुमा और बर्बर सामंती सोच से वाकिफ होगी जो लोकतंत्र एवं संविधान की आत्मा को बर्बाद करने के मंसूबों और साजिशों से भरपूर है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के पाठ की तरह देश में लगे आपातकाल की घटनाओं को भी पाठ्यपुस्तकों में अध्याय के तौर पर शामिल किये जाने का केन्द्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। पाठ्यपुस्तकों में आपातकाल की ‘तानाशाही-बर्बर साजिश और सोच’ के बारे में जानकारी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी खासकर युवा यह नहीं जानते हैं कि 1975 में देश में आपातकाल कांग्रेस द्वारा अपनी सत्ता और सिंहासन को बचाने के लिए लागू किया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आजादी के चाहने वालों पर हुई ज्यादती की तरह आपातकाल में हुए जुल्मों के बारे में भी लोगों को बताने की जरूरत है। इससे आपातकाल में लोकतंत्र सेनानियों द्वारा किया गए त्याग, उनकी कुर्बानियों के बारे में देश के लोगों और खासकर युवा पीढ़ी को जानकारी मिलेगी।