नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यक समुदाय से भाजपा को वोट देने की शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि भाजपा शासन में मुसलमान ‘‘सबसे महफूज और खुश’’ हैं, जबकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उन्हें केवल ‘‘वोट बैंक’’ मानती हैं.
एमआरएम ने समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि पार्टी देश में मुसलमानों की ‘‘सबसे बड़ी शुभचिंतक’’ है. एमआरएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा और बसपा समेत विपक्षी दलों ने मुसलमानों को सिर्फ अपना वोट बैंक माना है और सत्ता में आने के बाद, उन्होंने समुदाय के सदस्यों को गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ापन और ‘‘तीन तलाक जैसे अत्याचार दिए.’
संगठन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुद्रा योजना, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, स्टार्टअप इंडिया और मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अन्य योजनाओं से भी लाभ हुआ है. इसने सवाल किया, ‘कांग्रेस, सपा और बसपा समेत विपक्षी दल आरएसएस एवं भाजपा के खिलाफ लंबे समय से यह कह कर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो मुसलमानों को देश से बाहर कर दिया जाएगा..कितने मुसलमानों को देश से निकाल दिया गया है…पिछले सात वर्षों में?” इसने कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक माना है … मुसलमानों को कांग्रेस और समुदाय से तथाकथित सहानुभूति रखने वालों के शासन के दौरान गरीबी, अशिक्षा, हिंदुओं के खिलाफ नफरत, पिछड़ापन और तीन तलाक जैसे इस्लाम विरोधी अत्याचार मिले.
एमआरएम ने दावा किया कि 2014 के बाद से मुसलमानों के खिलाफ “सांप्रदायिक दंगों और अत्याचारों” की घटनाओं में “काफी कमी आयी है।” उसने कहा, ‘‘भाजपा सरकार मुसलमानों की सबसे बड़ी शुभचिंतक है… चुनाव के दौरान कांग्रेस, सपा-बसपा के झांसे में न आएं. देश के मुसलमान भाजपा के शासन में सबसे सुरक्षित और खुश हैं और आगे भी रहेंगे. इसलिए सोच-समझकर वोट करें। जरा सी चूक परेशानी का कारण बन सकती है.