भोपाल
मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया और केंद्र से इसे वापस लेने का आग्रह किया। इस मामले में बीजेपी को एक और झटका मध्यप्रदेश के ही बीजेपी नेता अजीत बोरासी ने दिया है।
कुछ दिनों पहले मैहर के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी सीएए के खिलाफ बयान दिया था। बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा ये कानून समानता के अधिकार और धर्मनिपेक्षता के साथ छेड़छाड़ करता है। सभी को समानता का अधिकार है। बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई।
शर्मा ने कहा कि कैबिनेट में इस कानून का विरोध करते हुए संकल्प पारित किया गया है। नया कानून संविधान की मूल भावना और चरित्र के साथ-साथ हमारे समाज में निहित सहिष्णुता के खिलाफ है, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार केंद्र से अनुरोध करती है कि वह सीएए 2019 को रद्द कर दे। राज्य सरकार यह भी अनुरोध करती है कि केंद्र राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) से उन सूचनाओं को वापस लेने के बाद ही जनगणना की कवायद को आगे बढ़ाए, जिसने लोगों में आशंका पैदा की है।
इस बीच उज्जैन के आलोट से बीजेपी की टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरसी ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा , ‘मैं भेड़ नहीं जो गलत के पीछे भी चलता रहूं’। उन्होंने CAA-NRC को मुस्लिमों के साथ-साथ SC, ST, OBC के लिए भी हानिकारक बताया है।
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मध्यप्रदेश से पहले केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित पांच अन्य गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने सीएए के खिलाफ इसी तरह के प्रस्ताव पारित किए हैं। मध्यप्रदेश में बीजेपी के अंदर ही इस मामले को लेकर मतभेद है। अल्पसंख्यक मोर्चे के कई कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दिया है। साथ ही मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी इसे देश के लिए खतरनाक बता चुके हैं।
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