नई दिल्ली
मोदी सरकार की बहुप्रचारित जनधन योजना में करोड़ों खाताधारियों का खाता निक्रिय है। सरकार की लाख कोशिशों को बाद करीब 8 करोड़ जनधन खाता निक्रिय हैं। दरअसल मोदी सरकार ने जनधन योजना के तहत 6 करोड़ ग्रामीण और 1.5 करोड़ शहरी परिवारों तक पहुंच बनाने के शुरुआती लक्ष्य को पूरा करने के बाद जनधन योजना के तहत 33.5 करोड़ खाते खोले गए थे। इसमें से फिलहाल 25.6 करोड़ खाता सक्रिय हैं। इन खातों में जमा राशि 85,494 करोड़ रुपये है। निक्रिय खातों को लेकर बैंक काफी परेशान हैं।
करोड़ो खाता निक्रिय होने के बाद प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अब मोदी सरकार ने अपना ध्यान हर घर की बजाए उन व्यस्कों में तब्दील कर दिया है जिनके पास खाते नहीं हैं। सरकार ने संसद में बताया कि जनधन योजना के तहत उन 65 लाख खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट सुविधा मिली है जिसमें से 30 लाख ने इसका लाभ उठाकर 340 करोड़ रुपये निकाले हैं। अबतक 26 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यह आंकड़े एक अच्छी आर्थिक प्रगति दिखाते हैं। नियमित क्रेडिट माइक्रो यूनिट के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा और क्रेडिट गारंटी फंड की पात्रता सुनिश्चित करता है।
दरअसल जिन खातों में दो साल में एक बार भी कोई ट्रांजेक्शन हुआ है उन्हें सक्रिय खाता माना जाता है। लगभग 76 प्रतिशत खाते सक्रिय हैं। इसमें कई ऐसे खाते हैं जिनका इस्तेमाल सीधा लाभ अंतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के लिए होता है। ओवरड्राफ्ट की सुविधा केवल उन्हीं खातों के लिए दी जाती है जिनमें नियमित तौर पर क्रेडिट होता है। ओवरड्राफ्ट के लिए अधिकतम सीमा 5,000 से बढ़ाकर 10,000 कर दी गई है। वहीं समयसीमा को 60 से बढ़ाकर 65 साल कर दिया गया है।
लोकसभा में बीजेपी के ही सांसद वरुण गांधी और एंग्लो-इंडियन सांसद जॉर्ज बेकर के सवाल का जवाब देते हुए मोदी सरकार ने कहा कि दिसंबर 2012 तक लगभग 19.6 करोड़ ग्रामीण और अर्ध-शहरी लाभार्थी एवं 13.6 करोड़ अर्बन मेट्रो खाताधारकों को इस योजना का फायदा मिला। मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 5.2 करोड़ खाते हैं। जिसमें 14,882 करोड़ रुपये हैं। सूची में दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल और तीसरे पर बिहार है।