नई दिल्ली
देशभर के ज़्यादातर हिस्सों में रमज़ान का पाक कल से शुरू हो रहा है। आज शाम चांद देखने के बाद मुस्लिम तंजीमों ने इस पाक महीने के शुरू होने का एलान किया। अब गुरुवार से पहला रोजा शुरू हो रहा है। इस्लाम धर्म में इस महीने को काफी अहमियत दी जाती है। इस महीने में खासतौर पर लोग इबादतों में खास ध्यान देते हैं। कुछ एक जगहों से रमज़ान का चांद न दिखने की वजह से रोज़े की शुरुआत नहीं हो पाई है।
दिल्ली की इमारत-ए-शरीया हिंद के सेक्रेटरी मुइजुद्दीन ने प्रेस रिलीज में बताया है कि रूयत-ए-हिलाल कमेटी और इमारत-ए-शरीया हिंद ने एक बैठक में बताया कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई हिस्सों में आज चांद दिखा है। उन्होंने बताया कि रूयत-ए-हिलाल कमेटी और इमारत-ए-शरीया हिंद ने एलान किया है कि 17 मई को रमज़ान के महीने का पहला दिन है यानी कल पहला रोजा होगा।
लखनऊ में मरकज़ी चांद कमेटी ने अलग-अलग जगहों में चांद होने की तस्दीक होने के बाद रमज़ान महीने की शुरुआत का एलान किय। मरकज़ी चांद कमेटी के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि दश के कई हिस्सों में चांद दिखने और लोगों से मशविरा के बाद कमेटी के कल यानी जुमेरात से रोज़े का एलान किया है।
दरअसल कि रमज़ान में रोज़े की शुरुआत चांद देखकर की जाती है और अगले एक महीने तक मुसलमान रोज़ा रखते हैं। रोज़ा शुरु होने के 29 या फिर 30 दिनों के बाद चांद देखकर ही रमज़ान का महीना खत्म होता और अगले दिन ईद मनाई जाती है। इद-उल-फितर को ईनाम के दिन कहा जाता है।
बाजारों में बड़ी चहल पहल
रमज़ान शुरू होने से पहले ही बाज़ारों की रौनक बढ़ गई है। इस पाक महीने में इबादत के साथ-साथ मुस्लिमों को इफ्तार और शहरी की तैयारियों के लिए बाज़ारों में आना जाना शुरू हो जाता है। इफ्तार में आमतौर पर ज्यादातर मुसलमान खजूर, फल, शरबत का सेवन ज़्यादा करते हैं। खजूर के साथ रोज़ा खोलना काफी अहम माना जाता है।