नई दिल्ली
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) पर अत्याचार रोकने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर विधेयक संसद के ही मानसून सत्र में ही पारित कराया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से आरक्षण का विरोध करने वाले सवर्णों को झटका लगा है। दरअसल कुछ संगठन आरक्षण को खत्म करने को लेकर आंदोलन चला रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने लोक सभा में शून्य काल के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने पर कहा “सारा देश अवगत है कि उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश दिया था उससे ‘अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण कानून’ कमज़ोर हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी समय कहा था कि हम ऐसा ही या इससे भी कड़ा कानून लाएंगे। कल बुधवार को ही मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी है। हम इसी सत्र में उसे पेश करेंगे और पारित कराएंगे।”
संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त तक होना तय है और गुरुवार के बाद इसकी छह बैठकें होनी हैं। उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च 2018 के अपने फैसले में मौजूदा कानून के उस प्रावधान को समाप्त कर दिया था जिसके तहत एससी/एसटी नागरिकों के खिलाफ कोई अत्याचार होने पर प्राथमिकी दर्ज होते ही बिना जाँच तुरंत गिरफ्तारी अनिवार्य थी।