नई दिल्ली
केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद रुपये में लगातार गिरावट जारी है और पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर रोज बढ़ती जा रही हैं। इस बीच खबर है कि इस हफ्ते के अंत में देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक होगी। बुधवार को मिली कई रिपोर्ट्स के मुताबिक रुपये में तेज गिरावट आई है, जिसके चलते इस वर्ष रुपया 12 फीसदी गिर गया है।
समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी की बैठक में संभावित वित्तीय और मौद्रिक कदमों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें देश के शीर्ष वित्त अधिकारी भी शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय और वित्त सचिव हंसमुख अधिया के साथ-साथ कई अधिकारी भी शनिवार को होने वाली बैठक में भाग ले सकते हैं।
मालूम हो कि रुपया अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को रुपया 72.78 के स्तर पर खुला। खुलने के बाद ही रुपये में कमजोरी और बढ़ गई और इसने 72.86 का निचला स्तर छू लिया। रुपये में गिरावट से सबसे ज्यादा मार आम आदमी पर पड़ी है। इससे पेट्रोल डीजल सहित रोजमर्रा की कई वस्तुएं महंगी हो गई हैं, जिससे ज्यादातर गरीब व मध्यम वर्ग परेशान है। तेल की कीमतों में हर रोज बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्रमश: 11 पैसे और 13 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बुधवार को ट्वीट करते हुए बताया था, ‘रुपया ज्यादा नीचे न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिये सरकार और आरबीआई हर संभव कदम उठाएंगे।’ वहीं, वित्त मंत्रालय का भी यही कहना है कि रुपये में लगातार हो रही गिरावट रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
वित्त मंत्रालय ने अब तक ईंधन पर केंद्रीय करों में किसी भी कटौती से इनकार कर दिया है, क्योंकि विकास और सामाजिक परियोजनाओं के लिए अभी धन की जरूरत है। हालांकि चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर वैट कम कर दिया है।