फरियाद मेकरानी
सिद्धार्थनगर, यूपी
समाजवादी पार्टी में पहले टिकट मिलने और फिर टिकट काटे जाने से नाराज़ डुमरियागंज से विधायक कमाल यूसुफ मलिक ने सपा को अलविदा कह दिया। कमाल युसूफ ने अपने बेटे और समर्थकों के साथ लखनऊ में बीएसपी ज्वाइन की। अखिलेश यादव के सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनका टिकट काटा गया है। कमाल मलिक इससे पहले साल 2012 में पीस पार्टी के टिकट पर विधाय सभा का चुनाव जीते थे।
मुस्लिम बाहुल्य इस ज़िले में कमाल मलिक का अच्छा खासा असर है। 2012 में चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर पीस पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अभी कुछ महीने पहले ही उनकी सपा हाईकमान से बात हुई और उन्होंने पीस पार्टी को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। उन्हें डुमरियागंज से टिकट मिला। इसके बाद जब सपा में हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उन्होंने कमाल मलिक का टिकट काट दिया।
पांच बार विधायक और मंत्री रह चुके कमाल मलिक के शामिल होने से ज़िले में बीएसपी को फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं मलिक के समर्थकों ने कहा है कि वह विधायक कमाल मलिक के सात हुए अपमान का बदला बीएसपी को जीत दिलाकर लेंगे। बीएसपी ने ज़िले की पांच विधान सभा सीटों में 3 पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। शायद इससे बीएसपी को फायदा हो सकता है।
कमाल यूसुफ मलिक ने अपने बेटो और समर्थको के साथ लखनऊ में बीएसपी का दामन थाम लिया। कमाल युसुफ के साथ समाजवादी पार्टी के डुमरियागंज विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश पाण्डेय, पूर्व प्रमुख सलमान मलिक और इरफ़ान मलिक ने शामिल रहे। बीएसपी में ज्वाइनिंग के दौरान विधान परिषद सदस्य दिनेश चन्द्रा, बीएसपी नेता नवेद रिज़वी भी मौजूद रहे।