मिर्ज़ापुर, यूपी
उत्तर प्रदेश के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल गंगा के तटवर्ती जिलों का है। इन्हीं में से एक मिर्जापुर भी है। यहां बाढ़ से हजारों लोग बेहाल हैं और करोड़ों का नुकसान देखने को मिला है। बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने और उनकी मदद को निकले उत्तर प्रदेश के मीरजापुर शहर के बीजेपी के विधायक रत्नाकर मिश्रा शनिवार को खुद गंगा के बीच फंसकर मदद मांगने लगे।
वह शनिवार को जिले के बहोरा और अकोढ़ी गांव के बीच उफना रही गंगा में तब फंस गए जब उनके स्टीमर का पेट्रोल खत्म हो गया। गनीमत यह थी कि मोबाइल नेटवर्क होने की वजह से वह अपनी स्थिति के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी दे सके। बीजेपी विधायक की गुहार के बाद जिला प्रशासन ने एक अन्य नाव से ईंधन भेजा तब जाकर वह वापस शहर की तरफ लौट पाए।
हालात यह थे कि बाढ़ के बीच गंगा में विधायक अपने सुरक्षाकर्मी और नायाब तहसीलदार सदर के साथ घंटों फंसे रहे। घंटों बाद एक स्टीमर से तेल लेकर वह लोग किसी तरह वापस विंध्याचल राम गया घाट पहुंचे।
उधर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विधायक रत्नाकर मिश्रा ने जिला पंचायत के अधिकारी के लिए कहा कि उनकी मंशा ऐसी थी कि हम जल समाधि ले लें। वहीं इस निरीक्षण के दौरान लापरवाही भी देखने को मिली एक तरफ जहां स्टीमर में तेल नहीं था तो दूसरी विधायक सहित सभी लोगों को बिना लाइफ जैकेट के बाढ़ में निरीक्षण के लिए ले जाया गया था।
और तो और इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर के पिपराही क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करने के दौरान बाल-बाल बच गईं। वह एक जगह नाव से उतरते समय फिसलकर पानी में गिर गईं। बाद में उन्हें पटरे की सहायता से नाव पर वापस चढ़ाया गया। इस दौरान अनुप्रिया पटेल को चोट नहीं लगी। उन्होंने इसके बाद नाव से ही लोगों का हाल-चाल पूछा और पूछा कि क्या कोई सरकारी सहायता उन्हें मिली है। लोगों ने बताया कि उनके पास अभी तक कोई नहीं पहुंचा है, कोई सहायता नहीं दी गई।
बाढ़ के चलते पूरे देश मे तबाही का माहौल बना है। अनेक मंत्री एवं पुलिस कर्मी बाढ़ की समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं।लेकिन अभी तक किसी को राहत नही मिली है। एक के बाद एक हादसे नजर आ रहे है। उम्मीद है जल्द ही कोई समाधान मिलेगा।