लखनऊ, यूपी
यूपी की योगी सरकार की मंत्री अनुपमा जायसवाल की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रहीं हैं। लखनऊ की तहरीर नाम की एक संस्था की शिकायत का संज्ञान लेकर भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के यशवंत जैन ने 9 मई को बहराइच के ज़िलाधिकारी को पत्र लिखकर यूपी की योगी सरकार में मंत्री अनुपमा जायसवाल के कार्यक्रम में हुए बाल-उत्पीड़न की जांच करने का आदेश दिया है।
‘पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए एक पहल’ – (तहरीर) के अध्यक्ष और पेशे से इंजीनियर संजय शर्मा ने 6 मई को NCPCR की अध्यक्षा स्तुति कक्कर को शिकायत भेजी थी जिसमें उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले की विधानसभा बहराइच सदर अंतर्गत इटौंझा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ज़िले के सभी विभागीय अधिकारियों संग चौपाल और रात्रि प्रवास के दौरान राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल के बीते दिनों हुए कार्यक्रम में भीड़ दिखाने के लिए छोटे छोटे बच्चों को 8 घंटे तक भूखा बिठाए रखा गया। इसके साथ ही उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीडन करने के मामले की जांच कर दोषियों को दण्डित करने की मांग की थी।
समाजसेवी संजय शर्मा का कहना है कि बच्चों की शिक्षा के मामले की मंत्री अनुपमा जायसवाल को महिला होने के नाते इस मामले में छोटे-छोटे बच्चों के प्रति जो संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी वह उन्होंने नहीं दिखाई। तहरीर संस्था ने कई बच्चों को देर रात तक खाना भी नसीब नहीं होने के कारण भूख से रोने बिलबिलाने की खबर मिली थी। वहीं कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर रात के अंधेरे में नंगे पांव बिना अपने मां-बाप की मौजूदगी के और बिना किसी सुरक्षा के घर वापस जाने का मामला सामने आया था। तहरीर ने इस मामलों की जांच कराने का मुद्दा उठाया था।
NCPCR के यशवंत जैन ने संजय शर्मा को ज़िलाधिकारी बहराइच से संपर्क करने का भी निर्देश दिया है। संजय ने बताया कि उन्होंने बहराइच की ज़िलाधिकारी से मोबाइल द्वारा वार्ता कर शीघ्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। संजय ने बताया कि बच्चों से जुड़े इस मामले में महिला ज़िलाधिकारी होने के चलते उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।