अभिषेक मिश्रा
महाराजगंज, यूपी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी जमीन तलाश रही एमआईएम ने पहली रैली की। इस रैली में मौजूद नेताओं ने अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा और सवाल किया कि मुसलमानों का हितैसी कहलाने वाली सपा की सरकार में मुजफ्फरनगर में दंगा कैसे हुआ। पिछले कई दिनों से यहां पर स्थानीय नेता इस रैली की तैयारी कर रहे थे। रैली का आयोजन पनिया रोड, परटावल में किया गया था। रैली में सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरु हो गया था।
रैली में जुटी भारी भीड़ से एमआईएम नेताओं के चैहरे खिल उठे। रैली को संबोधित करते हुए पार्टी में महासचिव सैयद अहमद पाशा कादरी ने पार्टी के सदर को शेरे-इस्लाम बताया और यूपी के मुस्लिम विधायकों के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। पाशा ने कहा कि अगर यूपी में हमारी पार्टी पहले से होती तो मुजफ्फरनगर जैसे दंगे कभी न होते। पाशा ने रैली में कहा कि पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवौसी पार्टी की शान हैं। पार्टी महासचिव ने आगाह किया कि अब अखिलेश सरकार के दिन पूरे हो गए हैं। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर यूपी में मुसलमानों पर ज़ुल्म ना होता तो एमआईएम यूपी में न आती। उर्दू की बदहाली पर यूपी सरकार को ज़िम्मेदार माने हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को मुस्लिम विधायक भी इस मुद्दों पर की बात नहीं करते। पाशी कादरी ने सरकार से सभी सरकारी ऑफिसों में उर्दू को ज़रूरी करने की बात कही।
रैली को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और हैदराबाद के पूर्व मेयर माजिद हुसैन ने कहा कि यूपी में मुस्लिम सैकेंड क्लास की ज़िंदगी जीने को मजबूर है। मुसलमानों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। माजिद हुसैन ने कहा कि अब हम यूपी में आ गए हैं अब मुसालमानों की आवाज़ को कोई नहीं दबा सकता। पार्टी ने नेता सैयद खिज़ार पाशा ने कहा कि पार्टी यूपी में पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों को साथ लेकर चलेगी और इनके हक की लड़ी लड़ेगी। यूपी के नौजवानों को संबोधित करते हुए खिज़ार पाशा ने कहा कि अगर आपको इज़्ज़त के साथ जीना है तो आप एमआईएम के साथ चलें।
रैली को प्रदेश संयोजक शौकत अली, प्रदेश उपाध्यक्ष हामिद संजरी, कलीम जामई समेत कई नेताओं में भी संबोधित किया। इस रैली के लिए प्रशासन ने सिर्फ चार घंटे दिन में बारह बजे से 4 बजे तक की अनुमति दी थी। इसको लेकर रैली आयोजकों और लोगों में बहुत नाराज़गी थी। कई लोगों ने शिकायत की कि पुलिस रैली स्थल पर लोगों को आने से रोक रही है। रैली स्थल पर प्रशासन ने सुरक्षा के ज़बरदस्त इंतज़ाम किए थे। रैली में नौजवानों का संख्या ज़्यादा थी। मालूम हो कि ये इलाका सांसद आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी का गढ़ माना जाता है।
bhut glt hua h jo mara h usko first of all maro uske bad hi kuchh hoga