पिछले महीने मिर्जापुर जिले के एक प्राइमरी स्कूल में मिड-डे-मील में बच्चों को नमक-रोटी परोसने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में जिला प्रशासन ने उस स्थानीय पत्रकार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है जिसने इसका वीडियो बनाया था। पुलिस ने इस मामले में स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ साजिश करने के तहत एफआईआर दर्ज की है।
एफआईआर में पत्रकार के खिलाफ ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन नमक-रोटी खाने का वीडियो बनाने का आरोप लगा है। पुलिस ने पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B, 186, 193 और 420 के तहत केस दर्ज किया है।
एक गिरफ्तार
मामले में पुलिस अधीक्षक अवधेश पांडेय ने बताया कि सीडीओ और अन्य द्वारा की गई जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना थाना अहरौरा द्वारा की जा रही है। दो नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार को एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है।
पत्रकार ने बनाया था वीडियो
दरअसल पत्रकार ने ही मिर्जापुर के सीयुर प्राइमरी स्कूल में बच्चों के नमक-रोटी खाते हुए वीडियो बनाया था। बाद में यह वीडियो वायरल हो गया था। जिसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट तलब की थी। इस मामले में स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी। लेकिन अब पुलिस की पत्रकार के खिलाफ की गई इस कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं। पिछले दिनों थाने में बारिश के पानी से हुए कीचड़ को बच्चों से साफ कराए जाने की तस्वीर भी सामने आई थी। इस मामले में भी फोटोग्रफर के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई।
NHRC ने भी तलब की थी रिपोर्ट
स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी परोसने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव से मामले की पूरी रिपोर्ट चार हफ्ते में तलब की है। इतना ही नहीं आयोग ने पूरे प्रदेश में मिड-डे-मील की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी है।