नई दिल्ली
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ा। #MeToo अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे एमजे अकबर की इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होनी है। दूसरी तरफ एमजे अकबर के खिलाफ गवाही देने वाली महिला पत्रकारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अब प्रिया रमानी समेत इस मामले में गवाही देने वाली पत्रकारों की संख्या 20 हो गई है।
दरअसल बीजेपी से राज्य सभा सांसद एमजे अकबर के खिलाफ लगातार महिला पत्रकार सामने आ रही हैं जो उन पर यौन शोषण का आरोप लगा रही है। #MeeToo अभियान के तहत वैसे तो कई लोगों पर आरोप लग चुके हैं लेकिन इनमें एमजे अकबर के खिलाफ सबसे ज़्यादा आरोप हैं। मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री रहे एमजे अकबर ने काफी दबाव के बाद अपना इस्तीफा दिया।
यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिलाओं में शामिल पत्रकार तुषिता मेहता ने आरोप लगाया कि, ‘1990 के दशक में एमजे अकबर ने होटल के एक कमरे में मुझे बुलाया था। उस समय वह टेलीग्राफ के संपादक थे और मैं ट्रेनी थी। मेरी उम्र 22 साल थी। हैदराबाद में डेक्कन क्रोनिकल में काम करने के दौरान अकबर ने दो बार मेरा यौन शोषण किया।’
एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए लेख लिखने वाली कारोबारी स्वाति गौतम ने भी मंगलवार को ही आरोप लगाया कि एक बार अकबर ने मुझे भी होटल के कमरे में बुलाया था। उस वक्त मैं कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ती थी और उन्हें बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने गई थी। उस समय वह केवल तौलिये में थे। कमरे में मेरे घुसते ही उन्होंने मेरी तरफ गिलास लुढ़काते हुए अपने लिए ड्रिंक बनाने को कहा। शुरू में तो मैं अवाक रह गई लेकिन तत्काल संभली और झुकते हुए गिलास उनकी तरफ लुढ़का दिया। उन पर कड़ी नजर डालते हुए उस कमरे से बाहर निकल गई।
एमजे अकबर पर अब तक 20 महिलाएं #MeeToo मुहिम के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं। महिला प्रेस कॉर्प्स के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस मामले पर सरकार के ढुलमुल रवैये को लेकर नाराजगी जताई है। एशियन ऐज में काम कर चुकीं महिला पत्रकारों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि अकबर के खिलाफ लड़ाई में रमानी अकेली नहीं हैं। उन्होंने अदालत में भी अपने बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया है। अकबर के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला पत्रकारों की संख्या अब 20 हो गई है।