हैदराबाद, तेलंगाना
हैदराबाद की मक्का मस्जिद में 11 साल पहले हुए बम ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। मालूम हो कि कि इस मामले में स्वामी असीमानंद मुख्य आरोपी थे। इस मामले में एनआईए की तरफ से बयान आया है। एनआईए ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले को देखकर उसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
मालूम हो कि इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। मामले में 10 आरोपियों में से आठ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें नबाकुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद का नाम भी शामिल था। जिन 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट बनाई गई थी उसमें से स्वामी असीमानंद और भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भरत भाई ज़मानत पर बाहर हैं और तीन लोग जेल में बंद हैं। एक आरोपी सुनील जोशी की जांच के दौरान हत्या कर दी गई थी।
दो और आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसंग्रा के बारे में मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि उनकी भी हत्या कर दी गई है। ब्लास्ट मामले में सीबीआई ने सबसे पहले 2010 में असीमानंद को गिरफ्तार किया था। असीमानंद को 2017 में उन्हें सशर्त ज़मानत मिल गई थी। उन्हें 2014 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में भी ज़मानत मिल गई थी।
मालूम हो कि जांच के दौरान असीमानंद ने कई बार अपने बयान बदले थे। उन्होंने पहले आरोपों को स्वीकार किया था और बाद में साजिश रचने की भूमिका में शामिल होने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि 18 मई 2007 को दोपहर 1 बजकर 27 मिनट पर प्रार्थना के दौरान धमाका हुआ था जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में ये चारों लोग भी जिंदगी से जंग हार गये थे। मस्जिद में धमाके के समय वहां 10 हजार लोग मौजूद थे। वहां दो जिंदा बम भी बरामद हुए थे जिसे हैदराबाद पुलिस ने निष्क्रिय कर दिया था।