लखनऊ, यूपी
बीएसपी के निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और मायावती के बीच छिड़ी जंग में आज फिर नसीमुद्दीन सिद्दीकी सामने आए। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कल मैंने तथ्यों और प्रमाणों के साथ मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा एंड कंपनी के आरोपों का जवाब दिया था। कल पीसी में मायावती ने कई बातें कहीं। नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती झूठ फरेब के साथ-साथ साजिश से भरी बातें थी।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मायावती ने कल मुझे टेपिंग ब्लैकमेलर कहा था। जबकि इस तरह से उन्होंने हजारों लोगों को प्रताड़ित और अपमानित करके पार्टी से निकाल दिया। नसीमुद्दीन बोले कि लोग उनकी प्रताड़ना से कई लोग पार्टी छोड़ कर चले गए। मैंने उनकी प्रताड़ना से बचने के लिए इन्हीं का शस्त्र इन्हीं के ऊपर इस्तेमाल किया है। मुझे फोन टेपिंग मायावती ने सिखाई थी। ये सब मैंने किसी को ब्लैकमेल करने के लिए नहीं किया था। जब मैंने उनके साथ ऐसा किया तो ये तिलमिला गईं।
नसीमुद्दीन ने कहा कि मैंने अपने बीवी बच्चों को बचाने के लिए इनकी सिखाई ट्रिक अपनाई। उन्होंने कहा कि मायावती की आदत मुझे बात-बात पर जेल भेजने की है। मैंने ये सब मायावती से ही सीखा है। देश में मायावती से बड़ा कोई ब्लैकमेलर नहीं है। ये मुझे दिवालिया बनाना चाहती थीं। खुद को बचाने के लिए वह हमेशा नई कहानी सुनाती हैं। उन्हें क्या पता है कि टेप से छेड़छाड़ हुई।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था जो भी ये कहेंगी मैं उसका ही जवाब दूंगा। अब और टेप जारी करूंगा। जितना मैं इन्हें जानता हूं उतना इन्हें कोई नहीं जानता। सिद्दीकी बोले, मायावती ने कहा, इनके बेटे को फतेहपुर से टिकट दिया और वह बुरी तरह से हार गया। मैं बता दूं कि इन्होंने कहा था कि फतेहपुर में कंडीडेट नहीं मिल रहा है, मुस्लिम को लड़ाना है अपने बेटे को लड़ा दो। मैंने कहा, हमने वहां काम नहीं किया है तो बोलीं पार्टी हित में है। पार्टी के हित में बेटा वहां से चुनाव लड़ा। जब हम चुनाव जीते थे तो 2 लाख वोट में जीत गए थे। लेकिन वहां से मेरे बेटे को 3 लाख से ज्यादा वोट मिले, वह दूसरे नंबर पर था।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मायावती चार बार सीएम बनी तो क्या हुआ वह डूबती हुई पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह बोले, ये कहती हैं कि इन्होंने मुझे 1991 में बांदा से चुनाव लड़ाया और जिता दिया और ये इतनी बहादुर हैं कि उस वक्त खुद हार गईं। मैं तो तब इन्हें जानता भी नहीं था। मायावती ने लोगों को खूब ठगा, लोकसभा में प्रश्न पूछने तक के पैसे ले लिए। मैं एक बार हारा तो सुना दिया और खुद कितने बार हारीं। नसीमुद्दीन ने ये भी गिनवाया कि मायावती कितने बार हारीं।