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23 Dec 2024, Mon

मौलाना राबे नदवी का पीएम मोदी को खत, कहा नहीं चाहिए तीन तलाक पर कानून

AIMPLB PRESIDENT MAULANA RABE WRITE A LETTER TO PM MODI 1 261217

लखनऊ, यूपी

आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी ने पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह एक बार में तीन तलाक के प्रस्तावित बिल को संसद में पेश करने के लिए आगे न बढ़ाएं और इसे वापस ले लें। उन्होंने यह भी कहा है कि यह बिल असंवैधानिक है। मौलाना नदवी ने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध सोमवार 25 दिसम्बर को भेजे गए पत्र में किया है।

मौलाना सैयद राबे नदवी ने पत्र में पीएम मोदी से कहा गया है कि अगर उनकी सरकार तीन तलाक के बाबत कानून बनाना जरूरी समझे तो आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम महिला संगठनों के प्रतिनिधियों से ज़रूर सलाह-मशविरा करे। उन्होंने पत्र में कहा है कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस बिल का हर स्तर पर विरोध करेगा। पत्र के अनुसार प्रस्तावित बिल के परिणाम तमाम मुस्लिम महिलाओं के हितों के विरुद्ध हैं और यह बिल तलाकशुदा महिलाओं और उनके परिवार वालों को नुकसान पहुंचाने वाला है।

मौलाना नदवी ने कहा है कि यह बिल शरीअत के नियमों के भी विरूद्ध है और मुस्लिम पर्सनल लॉ में एक तरह का हस्तक्षेप है। बिल के प्रस्तावित प्रावधान देश में प्रचलित अन्य कानूनों के प्रावधानों के भी विरुद्ध हैं। घरेलू ¨हसा से संबंधित कानून 2005 गार्जियनशिप और वार्डस एक्ट और सीआरपीसी पहले से मौजूद हैं। बिल में उल्लिखित प्रावधान धार्मिक इकाइयों को देश के संविधान में दी गई गारंटी में हस्तक्षेप करने वाले हैं। यह बिल 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की मूल भावना के भी विरुद्ध है।

पीएम को भेजे गए इस पत्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी ने तर्क दिया है कि इस प्रस्तावित बिल की धारा – 2(बी) में शब्द ‘तलाक’ की दी गई परिभाषा- ‘तलाके बिदअत’ से आगे बढ़कर की गई है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। प्रस्तावित परिभाषा ‘तलाके बायन’ आदि को भी शामिल कर सकती है जिसको सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी नहीं ठहराया है।