लखनऊ, यूपी
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। मौलाना रशादी पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उनकी तलाश में पुलिस ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय को शाम में घेर लिया लेकिन मौलाना रशादी पुलिस को यहां नहीं मिले। दरअसल मौलाना रशादी ने शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी लेकिन पुलिस की तरफ से भारी घेराबंदी के चलते वो पत्रकारों के सामने नहीं आए।
पार्टी कार्यालय को पुलिस ने घेरा
लखनऊ में इनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध सैफुल्लाह के परिवार से मिलने के बाद मौलाना रशादी ने लखनऊ में शाम को साढ़े पांच बजे एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। इससे पहले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के आदेश पर कानपुर में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था। पुलिस ने पार्टी कार्यालय को घेर लिया। यहां तक की जिस जगह पत्रकार बैठे थे वहां भी इंटेलीजेंस के लोग दाखिल हो गए। दरअसल पुलिस बिल्कुल तानाशाही रवैये अपना रही थी। कार्यालय के बाहर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
रद्द हुई प्रेस कांफ्रेंस
भारी पुलिस बल की मौजूदगी की वजह से मौलाना रशादी पार्टी कार्यालय नहीं आए। पत्रकारों को एक प्रेस रिलीज जारी कर दी गई। मौलाना रशादी फिलहाल लखनऊ में ही हैं। उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। उम्मीद की जा रही है कि कल के रिजल्ट आने के बाद वह गिरफ्तारी दे सकते हैं।
क्या है मामला
लखनऊ इनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध सैफुल्लाह के परिवार से मिलने आज दोपहर मौलाना आमिर रशादी उनके घर पहुंचे। उन्होंने परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद की बात कही। मौलाना ने सैफुल्लाह के पिता से अलग से भी बात की। इसी बीच एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कानपुर के एसएसपी को आदेश दिया कि वह मौलाना रशादी के खिलाफ केस दर्ज करें। मौलाना रशादी के खिलाफ धार्मिक भावनाए भड़काने और धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है।
पुलिस कार्रवाई का चौतरफा विरोध
मौलाना रशादी पर केस दर्ज होने के बाद विरोध शुरु हो गया। पूर्वांचल के कई इलाकों में लोगों ने विरोध दर्ज कराया। कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की है। सोशल मीडिया पर भी विरोध शुरु किया गया है।