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22 Nov 2024, Fri

लखनऊ, यूपी

बुलंदशहर हिंसा में दिवंगत पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बेटे ने कहा कि आज मेरे पिता की जान गई कल किसके पिता अपना जीवन खो देंगे?

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। सुबोध कुमार सिंह स्याना के स्टेशन हाउस ऑफिसर थे, जिन्होंने वर्ष 2015 में गौरक्षकों द्वारा दादरी में मारे गए अखलाक अहमद के मामले की जांच की थी। आतंकी भीड़ ने उन्हें सामने से गोली मार दी। बुलंदशहर में तनावपूर्ण स्थिति के चलते बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

शहीद कोतवाल सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक ने मंगलवार को रोते हुए कहाकि मेरे पिता चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं जो धर्म के नाम पर समाज में किसी भी प्रकार की हिंसा को बढ़ावा न दे। आज मेरे पिता ने इस हिंदू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन खो दिया। अभिषेक लोगों से प्रश्न करते हुए कहाकि आज मेरे पिता की जान गई है कल किसके पिता अपना जीवन खो देंगे?

शहीद कोतवाल का बेटा जब मीडिया से बाद कर रही था तो आसपास खड़े सभी लोग रो रहे थे। दरअसल इस बेटे के बाप को आतंकी भीड़ ने मार दिया जो अपने फर्ज़ की अदायगी कर रहा था। बेटे के सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा की घटना में दिवंगत पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख रुपए, माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही आश्रित परिवार को पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

एएनआई की ट्वीट के अनुसार बुधवार को जारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह के सिर पर .32 मिमी बोर बुलेट की पुष्टि हुई है।