जयपुर, राजस्थान
बीजेपी शाषित राज्य के प्रतापगढ़ में जुमे के दिन खुले में शौच को रोकने पहुंची “स्वच्छ भारत अभियान” की सरकारी टीम ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की दिनदहाड़े पीट-पीट कर हत्या कर दी। सामाजिक कार्यकर्ता का कसूर सिर्फ इतना था कि शौच करती एक महिला की आपत्तिजनक तस्वीरें लेने से वह टीम को रोक रहा था। इस हत्या के बाद अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी योजना को लागू करने के लिए हत्या भी की जाएगी।
प्रतापगढ़ में नगर परिषद ने खुले में शौच को रोकने के लिए “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत टीम गठित कर रखी है। यह टीम रोज़ाना सुबह उन इलाकों में निकलती है। जहां खुले में लोग शौच के लिए जाते हैं। कहने को तो इस टीम का काम जागरुकता फैलाना और लोगों को समझाना है लेकिन टीम ने समझाने की जगह हत्या कर डाली।
“स्वच्छ भारत अभियान” की टीम जुमे की सुबह प्रतापगढ़ शहर की कच्ची बस्ती के इलाके में पहुंची। दरअसल इस इलाके में बेहद गरीब लोग रहते हैं और उनके पास शौचालय नहीं है और न ही सरकारी मदद से उनके घरों में शौचालय बनाया गया है। इस दौरान टीम ने खुले में शौच करने जा रही महिला को रोका। फिर टीम ने महिला की शौच के दौरान आपत्तिजनक तस्वीरें ली। इस पर महिला ने आपति जताई।
इसको सुनकर मजदूर नेता और सामाजिक कार्यकर्ता ज़फर ख़ान पहुंचे। 50 साल के ज़फर ख़ान ने स्वच्छ भारत टीम को आपत्तिजनक तस्वीरें खींचने से रोका। ज़फर के रोकने से टीम के सदस्य उत्तेजित हो गए और उनकी जमकर पिटाई की। पिटाई के ज़फर बेसुध होकर गिर पड़े। टीम के सदस्य ज़फर को अधमरा देख भाग गए। इसके बाद ज़फर को आस-पास के लोग अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल में ज़फर ने दम तोड़ दिया।
ज़फर की मौत की सूचना के बाद शहर के लोग सड़क पर उतर आए। लोगों ने नेशनल हाईवे 113 जाम कर दिया। अस्पताल में भी हंगामा कर दिया। पुलिस परिषद के कमिश्नर और स्वच्छ भारत टीम के तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी अभी फरार हैं। इतना ज़रूर है कि इस हत्या के बाद “स्वच्छ भारत अभियान” पर सवाल ज़रूर उठने लगे हैं।