पश्चिम बंगाल में पहली मुस्लिम रैली में बोली ममता बनर्जी
कोलकाता, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में बड़ी मुस्लिम रैली की। इस रैली की ख़ास बात ये थी कि इसमें सिर्फ मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोगों को बुलाया गया था। सीएम ममता बनर्जी ने इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर बयान देने वाले एक्टर आमिर ख़ान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आमिर ख़ान ने एक भारतीय के तौर पर जो महसूस किया, वही कहा। लेकिन इससे किसी को यह हक नहीं मिल जाता कि वे उन्हें देश छोड़ने के लिए कहें। यह देश सभी का है।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह देश हमारा, हम सभी का है। आमिर ख़ान का विरोध करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए ममता ने कहा कि आप कौन होते हैं किसी को यह कहने वाले कि पाकिस्तान चले जाओ या ये पहनो, वो खाओ…। ये हमारा देश है, हम सबका है, हमारी जन्मभूमि है, कर्मभूमि है। ममता बनर्जी ने कहा कि आतंकवादी आतंकवादी होता है। उसका न कोई धर्म होता है और न जाति। साथ ही उन्होंने कहा कि अपराधी अपराधी होता है।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं उनके खिलाफ बोलती हूं, इसलिए वे मेरे पीछे सीबीआई लगा सकते हैं। पर मैं मौत से नहीं डरती। उसे तो एक दिन आनी ही है। मैं सर उठा कर जीना और बेखौफ होकर राजनीति करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि मैं हर जाति और धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने में भरोसा करती हूं। मैं यहां सबको सिक्युरिटी दूंगी। बंगाल में किसी की भी उपेक्षा नहीं की जाएगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रटरी सिद्दीकीउल्लाह चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे ऑर्गनाइजेशन का मानना है कि बंगाल में मुस्लिमों की तरक्की के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। हमें उनके साथ दूरी नहीं रखनी चाहिए। इस लिए हम यहां आएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल में मुसलमानों पर जमीयत की अच्छी पकड़ है।
रैली का आयोजन
शाहिद मीनार पर हुई इस रैली का आयोजन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने किया था। जमीयत के अंतर्गत राज्य के एक हज़ार से ज्यादा मदरसे आते हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ममता बनर्जी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाकर मुस्लिम वोट बैंक को साफ संदेश देना चाहती हैं। इसके अलावा वह मतदाताओं को यह भी बताना चाहती हैं कि 34 साल के अपने शासन में कम्युनिस्टों ने भी उनके लिए कुछ नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल में मुसलमान
पश्चिम बंगाल में 2.4 करोड़ से ज्यादा मुसलमान हैं, और करीब 29 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। प्रदेश की 294 सीटों में 140 सीटों पर मुस्लिम वोटर का प्रभाव है। 2009 लोकसभा चुनाव में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई, 2016 में विधान सभा चुनाव होने हैं। बिहार इलेक्शन के नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस भी मुसलमान वोटरों पर नज़र रखे हुए है। ममता को डर है कि बीजेपी ध्रुवीकरण कर सकती है। ऐसे में उन्होंने अभी से गंभीर प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।
बीजेपी की रणनीति
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 6 महीने पहले से ही कैडर बनाना शुरू कर दिया है। बिहार के बाद बीजेपी की स्ट्रैटेजी में पश्चिम बंगाल सबसे ऊपर था, लेकिन, बिहार में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी अब स्ट्रैटेजी बदल सकती है।