मुंबई, महाराष्ट्र
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित और छह अन्य आरोपियों पर साल 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आतंकवाद निरोधी कानून के तहत मुकदमा चलेगा। विशेष एनआईए कोर्ट ने आरोप मुक्त करने के उनके आवेदन को बुधवार को खारिज कर दिया। दूसरी तरफ मकोका के तहत लगाए गए सभी आरोप कोर्ट ने खत्म कर दिए।
कोर्ट ने हालांकि सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध कानून (मकोका) के तहत लगाए गए आरोपों को समाप्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने, आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या का प्रयास और जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत मुकदमे का सामना करेंगे।
मालूम हो कि महाराष्ट्र मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को मस्जिद में हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने जांच करके इन सभी आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया था। बाद ये ये केस एनआईए के दे दिया गया।