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22 Dec 2024, Sun

10 अप्रैल को मजलिसे मुशावरत का अधिकार सम्मेलन

लखनऊ, यूपी

मुस्लिमों, अति पिछड़ों और दलितों की आवाज़ उठाने के लिए कई संगठनों ने मिलकर काम करने का फैसला किया है। इस संगठनों की अगुवाई ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत करेगी। इस सिलसिले में 10 अप्रैल को लखनऊ में अधिकार सम्मेलन आयोजित किया गया है।

इस सिलसिले में लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। इस पीसी में बताया गया कि लखनऊ के गंगा संस्थान ऑडीटोरियम में 10 अप्रैल को अधिकार सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है। मोदी सरकार देश में आरएसएस के एजेंडे को लागू कर रही है। दरअसल देश में ये 5 फीसदी आबादी का एजेंडा है। मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ों और मुसलमानों से उनका हक छीना जा रहा है और उन्हें किनारे लगाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकार सम्मेलन करने का फैसला किया गया है। इसमें कई संगठनों को बुलाया गया है।

अधिकार सम्मेलन कार्यक्रम की रूपरेखा इस तरह तय की गई है…

क्रम विषय वक्ता
1 27 फीसदी आरक्षण- सभी वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में लाभ 1-  तारिक सिद्दीकी (सचिव, मुस्लिम मजलिसे मुशावरत, यूपी)

2-  मौलाना शहाबुद्दीन मदनी (उपाध्यक्ष, मुस्लिम मजलिसे मुशावरत, यूपी)

3-  वीरेंद्र कुमार मौर्या (अध्यक्ष, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ)

2 धारा 341 का समाधान 1.  डॉ एजाज़ अली (पूर्व सांसद, राज्य सभा)

2.  तेज सिंह (अध्यक्ष, अंबेडकर समाज)

3.  राम लखन पासी ( वीरंगना ऊदाबाई पासी संस्था)

3 महिला आरक्षण- संसद और विधान सभा चुनाव के परिपेक्ष में 1.  नाहीद अकील (सामाजिक कार्यकर्ता, बाराबंकी)

2.  शमीना शफीक (पूर्व सदस्य, राष्ट्रीय महिला आयोग)

4 किसानों की समस्या 1.  अनीस अंसारी (पूर्व आईएएस)

2.  मोहम्मद नसीर लाला (ज़िलाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन, बाराबंकी)

3.  बलवंत सिंह (अध्यक्ष दलित क्रांति मोर्चा)

5 कानून का राज 1-  अरशद आज़मी (सचिव, मुस्लिम मजलिसे मुशावरत, यूपी)

2.  वी एल मतंग (अध्यक्ष, बहुजन मुक्ति पार्टी)

 

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पूर्व आईएएस अनीस अंसारी ने कहा कि धारा 341 को हटाने की मांग लगातार की जा रही है। इसमें मुसलमानों और इसाईयों को दलित नहीं माना गया है। ये हमें संविधान में दिए गए अधिकारों को वंचित करने जैसा है। अनीस अंसारी ने कहा कि पिछड़ों को दिए गए 27 फीसदी आरक्षण में अति पिछड़ों का कोटा अलग किया जाए। इसके साथ ही महिला आरक्षण लागू किया जाए।

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के सेक्रेटरी तारिक सिद्दीकी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों की लड़ाई लड़ रहे संगठन एक साथ आएं। इसमें कई संगठनों से बात हो चुकी है और वो साथ आने को तैयार हैं। तारिक सिद्दीकी ने बताया कि इससे हमारी लड़ाई और मज़बूत होगी और हमारी आवाज़ संसद तक पहुंचेगी।

इस मौके पर राम लखन पासी, अरशद आजमी, मौलाना शहाबुद्दीन मदनी, वीरेंद्र कुमार मौर्या समेत कई संगठनों, राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।