गोवाहाटी, असम
हमेशा चर्चा में रहने वाले जमीयत-उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी की टिप्पणी एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मौलाना मदनी ने कहा है कि जिस घर में शौचालय न हो, वहां मौलवी और मुफ्ती निकाह पढ़ने नहीं जाएं। मौलाना मदनी के इस बयान के बाद समर्थन और विरोध का सिलसिला शुरु हो गया है।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मौलवियों और मुफ्तियों ने यह फैसला ले लिया है। अब देश के दूसरे राज्यों के भी मौलवी और मुफ्ती इसे अमल में लाएं। मौलाना मदनी असम में एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान ये बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन तीन राज्यों में निकाह के लिए शर्त के तौर पर शौचालय होना ज़रूरी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे धर्म के लोगों को भी इस तरह का फैसला लेना चाहिए।
मौलाना मदनी ने कहा कि दो तरह की सफाई होती है। एक बाहरी और एक भीतर की। शरीर साफ होने पर ही भीतर की सफाई की जा सकती है। इसलिए न सिर्फ असम, बल्कि पूरे देश को स्वच्छ बनाएं। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर ऐसा प्रयास करना चाहिए कि देश में सभी का भला हो।