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30 Oct 2024, Wed
जनवरी 1920 में क्रांतिधरा पर कदम रखते ही महात्मा गांधी ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी थी। इस दौरान देवनागरी कॉलेज से घंटाघर तक निकाले गए जुलूस में लोगों ने हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय दिया था। जिमखाना और कैसल व्यू पर हुई जनसभाओं में गांधी जी ने खिलाफत और असहयोग आंदोलन को एक सूत्र में पिरोया। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर गांधी जी के मेरठ प्रवास के बारे में जानकारी दी।
आगे पढ़िए गांधी जी से जुड़े संस्मरण इतिहासकार प्रो केडी शर्मा की जुबानी। देवनागरी कॉलेज में स्वागत समारोह के बाद गांधी जी ने जुलूस का नेतृत्व किया। खिलाफत और असहयोग आंदोलन में जुड़ने के लिए लोगों को संदेश देने पहुंचे गांधी जी के साथ काफी संख्या में हिंदू-मुस्लिम समूह जुड़ गया। जुलूस में हिंदुओं ने अपनी ड्रेस पर चांद-सितारा चिन्ह और मुस्लिमों ने पीला टीका लगा रखा था। जुलूस के बाद गांधी जी ने घंटाघर (कंबोह गेट) पर जनसभा की। इसमें असहयोग और खिलाफत आंदोलन में एक साथ जुड़कर इसके सफल बनाने की अपील की गई।
कहां गया बापू तेरा भारत प्यारा…
वरिष्ठ कवि डॉ ईश्वर चंद गंभीर ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर कविता लिखी है। डॉ ईश्वर चंद पर्यावरण, स्वच्छता आदि देशहित मुद्दों पर पुस्तक लिख चुके हैं। प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के भी ब्रांड एंबेस्डर रह चुके हैं। उनका स्वच्छता पर लिखा गाना काफी लोकप्रिय रहा। चंद लाइनें..

कहां गया बापू तेरा भारत प्यारा,
भूल गए सब सत्य अहिंसा का नारा।
ऊंच नीच से समरसता भी बिखर गई
परंपरा और संस्कृति भी छितर गई
आज स्वार्थ में भाई ने भाई को मारा।

By #AARECH