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22 Nov 2024, Fri

दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए देशभर में छापे

KOREGAUN RIOT CASE DALIT ARREST BY POLICE 1 280818

नई दिल्ली  

महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने संदेह के आधार पर देश भर में नामी दलित कार्यकर्ताओं के आवास की तलाशी ली। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पुणे में एक कार्यक्रम के बाद महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा की जांच के तहत छापे मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनोन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के घरों की तलाशी ली गयी। दूसरी तरफ हिंसा के आरोपी हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ अबी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।

वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव भीमा लड़ाई के 200 साल होने पर पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद घटनाक्रम के सिलसिले में जून में गिरफ्तार पांच लोगों में से एक के घर पर पुलिस की तलाशी के दौरान जब्त पत्र में राव का नाम आया था। घटना के बाद विश्रामबाग थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, कार्यक्रम में कथित तौर पर ‘‘भड़काऊ’’ टिप्पणी करने के बाद जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा हुयी थी। इसके बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में जून में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुयी थी।

जून में एक साथ छापे के बाद दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया जबकि वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राऊत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनीरका में उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गए पांचों लोगों और उनके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के घरों पर छानबीन की गयी।

वहीं क्रांतिकारी लेखक और माओवादी विचारक पी वारा वारा राव को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। राव के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्हें कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रचने में संलिप्त रहने की वजह से गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि पुलिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। राव और दूसरे अन्य के घर में लगभग आठ घंटे की खोज के बाद गिरफ्तारी हुई थी। इसमें उनके करीबी दो पत्रकार भी शामिल हैं। राव को हैदराबाद की स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद पुणे ले जाया जाएगा। जून के पहले महीने में पुलिस को माओवादियों से सहानुभूति रखने वाले रोना जैकब विल्सन के दिल्ली स्थित घर से एक पत्र मिला था।