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24 Dec 2024, Tue

मुंबई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) पर उन्होंने सोच-समझकर अपना रुख तय किया है। उद्धव के मुताबिक इसके लिए गठबंधन सरकार में सहयोगी दलों-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ विचार-विमर्श भी किया गया।

पीएम से मुलाकात के बाद कहा, सीएए पर किसी को डरने की जरूरत नहीं
शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा था कि सीएए पर किसी को डरने की जरूरत नहीं है और एनपीआर किसी को देश से बाहर निकालने के लिए नहीं है। इसके पहले ठाकरे यह भी कह चुके हैं कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी लागू किए जाने की इजाजत नहीं देगी, क्योंकि इससे हर धर्म के लोगों पर असर पड़ेगा। शिवसेना का नेतृत्व करने वाले उद्धव का यह रुख कांग्रेस और एनसीपी से अलग है।

एनपीआर लागू करने के संभावित नतीजों पर चर्चा करेंगे
जब उनसे भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस बयान के बारे में पूछा गया कि एक राज्य सरकार एनपीआर के प्रश्नों को नहीं बदल सकती तो उन्होंने कहा कि तीनों दलों (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) के नेता एक साथ बैठकर एनपीआर लागू करने के संभावित नतीजों पर विचार कर सकते हैं।

मैंने एनआइए को नहीं सौंपी यलगार परिषद मामले की जांच
2017 के यलगार परिषद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि उन्होंने इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौपी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एनआइए ने इस मामले की जांच अचानक अपने हाथों में ले ली थी। इसको लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी आपत्ति जताई थी। एनसीपी कोटे के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर से इस मामले की जांच एनआइए को सौंपी है। यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में यलगार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण देने से संबंधित है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के बाद अगले दिन कोरेगांव-भीमा के समीप हिंसा फैल गई थी।

भाजपा को दी नसीहत
भाजपा की ओर से कानून एवं व्यवस्था को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना किए जाने पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि भाजपा को उनकी सरकार पर हमला करने से पहले यह देखना चाहिए कि उसकी आंखों के सामने क्या हो रहा है। उद्धव ने पूछा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पिछले दिनों छात्रों पर हमले के मामले में कोई हमलावर क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया।

By #AARECH