फरियाद मेकरानी
सिद्धार्थनगर, यूपी
प्रदेश में चल रहे मदरसों में दीनी तालीम के अलावा आधुनिक विषय पढ़ा रहे मदरसा शिक्षक सरकार की वादाखिलाफी से खासे नाराज़ है। ये शिक्षक मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मदरसों में पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें न तो स्थायी किया जा रहा है और न ही उनका 2009 से मानदेय बढ़ाया गया है। इसी को लेकर इन शिक्षकों ने डीएम ऑफिस पर ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
दरअसल मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा विभाग) भारत सरकार द्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजना साल 1993 में लागू की गई थी। इस योजना को लागू हुए 23 साल होने को है। इसका उद्देश्य मदरसों में दीनी तालीम के साथ आधुनिक विषयों जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान की शिक्षा देने की बात कही गई थी। इसमें कहा गया था कि इससे मुस्लिम समाज को भी मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा। मानदेय पर नियुक्त किए गए शिक्षक तभी से मदरसों में शिक्षण कार्य अच्छी तरह करते चले आ रहे हैं।
शिक्षकों का यह प्रदर्शन मदरसा आधुनिकरण शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मुस्लिम रज़ा खान के निर्देश पर यूपी के सभी ज़िला मुख्यालयों पर किया गया। इसमें आज शिक्षक दिवस को काला दिवस के रुप में मनाया गया। सिद्धार्थनगर ज़िले में प्रदेश अध्यक्ष अख्तर कमाल मेकरानी के नेतृत्व में ज़िला कलेक्ट्रेट परिसर में काली पट्टी बांधकर धरना-प्रदर्शन किया गया और शिक्षक दिवस को काला दिवस के रुप में मनाया।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अख्तर कमाल ने पीएनएस को बताया कि मदरसा शिक्षकों की कई मांग सालों से लंबित हैं। केंद्र और राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। यहीं वजह है कि हम लोग प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए हैं। अपनी मांगो के संबंध में उन्होंने बताया कि मदरसा आधूनिकीकरण योजना को स्थाई करते हुए कार्यरत मदरसा शिक्षकों को स्थाई किया जाए। इस योजना में 2009 से मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, इसलिए महंगाई को देखते हुए मदरसा आधुनिक शिक्षकों को मानदेय 4 गुना बढ़ाया जाए।
पूर्व मे कार्यरत चौथे अध्यापक को बहाल करते हुए उनका मानदेय भुगतान दिया जाए। लाट नंबर 2108, 1891, 1446 मानदेय और 456, 273, 672, 1891, 2108, 1446, 849, 1506 का बकाया मानदेय भुगतान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया जाए। मदरसा शिक्षकों को प्रतिमाह मानदेय भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार को आदेशित किया जाए
इस प्रदर्शन के बाद ज़िलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और मानव संसाधन मंत्रालय को अपनी मांगों के संबंध में पत्र सौंपा। धरने में कार्यवाहक ज़िलाध्यक्ष अतीउल्लाह खान, इश्तियाक अहमद, नसीम अहमद, इरशाद अहमद, इकबाल अहमद समेत सैकडों टीचर्स, प्रबंधक और प्रधानाचार्य मौजूद रहे।