रांची, झारखंड
पिछले साल 29 जून को अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी को झारखंड के रामगढ़ जिले में आतंकी भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था। उन पर बीफ ले जाने के शक में हमला किया गया था। इस घटना को एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन उनके परिवार को आज तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है। पिरावर के लोग दर-दर जाकर प्रमाण पत्र पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है।
पुलिस अब तक वह रिपोर्ट जमा नहीं करवा पाई है जिससे उसकी मौत के स्थल का पता चल सके। इसी वजह से परिवार मृत्यु प्रमाणपत्र को पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। अलीमुद्दीन के बेटे शहजाद अंसारी ने मीडिया को बताया, ‘हम लगातार पुलिस स्टेशन, उप-मंडल अधिकारी के कार्यालय, उप-कमिश्नर के कार्यालय और रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिंज में भागदौड़ कर रहे हैं। मेरे पिता ने कुछ बीमा योजनाए की हुई थीं। हमें बहन की शादी के लिए पैसों की ज़रुरत है लेकिन हम बीमा के पैसों पर दावा तभी कर सकते हैं जब हमारे पास मृत्यु प्रमाण पत्र आ जाएगा।’
अलीमुद्दीन का मामला पहला ऐसा था जिसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 12 में से 11 आरोपियों को दोषी पाया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि इस साल जून में 9 आरोपियों को झारखंड हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। ज़मानत मिलने के बाद आरोपी केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे और मंत्री ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया था। जिसकी वजह से विपक्ष ने उनपर निशाना साधा था।