लखनऊ, यूपी:
यूपी के सभी 75 जिलों में बृहस्पतिवार को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। यूपी में कुल 77 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। आजमगढ़ और कुशीनगर में दो केंद्रों पर मतगणना होगी। 23 मई को यूपी की 80 सीटों पर 979 उम्मीदवार के भाग्य का फैसला होगा। विधानसभावार 14-14 मतगणना टेबल और एक आरओ का टेबल होगा। सभी टेबलों पर प्रत्याशी का एक एजेंट मौजूद होगा। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों के लिए इस बार इंतजार करना होगा। वैसे तो रुझान 9 बजे के बाद से ही मिलने लगेंगे, लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा है कि आख़िरी नतीजे आने में कम से कम 5 से 6 घंटे की देरी होगी।
माना जा रहा है कि इस बार परिणाम 23 मई को शाम 6 बजे के बाद ही आने की उम्मीद है। इसका एक बड़ा कारण है ईवीएम की गिनती ख़त्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ वीवीपैट रिज़ल्ट से उसे मैच किया जाएगा।
इस बार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच वीवीपैट मशीनों और ईवीएम नतीजों को मिलान किया जाएगा जबकि पहले हर विधानसभा क्षेत्र में एक वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाता था।
उल्लेखनीय है कि 21 विपक्षी दलों ने सर्वोच्च न्यायालय में अर्ज़ी देकर मांग की थी कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के 50 प्रतिशत वोटों को वीवीपैट के साथ मिलाया जाए, लेकिन चुनाव आयोग का कहना था कि 50 फीसदी ईवीएम और वीवीपैट को मैच करने में कम कम 5 दिन लग जाएंगे जिससे नतीजे आने में देरी हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5 ईवीएम और वीवीपैट में पड़े वोटों की जांच की जाए।
इसके बाद चुनाव आयोग ने फ़ैसला किया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच-पांच वीवीपैट का चयन ‘रैंडमली’ यानी बिना किसी क्रम के किया जाएगा और ईवीएम और वीवीपैट के नतीजों को मैच किया जाएगा। इस काम के लिए हर काउंटिंग हॉल में वीवीपैट बूथ बनाया गया है, जहां मिलान होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कहा कि, “सभी चरणों का चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्ष रूप से हुआ है। और लोकसभा चुनाव 2019 में एक प्रतिशत की मतदान में बढ़त भी हुई है, वहीं सर्विस वोटर का प्रतिशत भी पांच से दस गुना बढ़ा है। 23 मई को 80 लोकसभा क्षेत्रो में ईवीएम खोलने से पहले उसकी सील और नंबरों का मिलान होगा। मतगणना केंद्रों के चारों ओर तीन परिधि में सुरक्षा बल मौजूद रहेगी। मतगणना, केंद्रीय सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस की निगरानी में होगी तथा पोस्टल बैलेट की गिनती भी साथ ही चलेगी। मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल की सुविधा नहीं होगी।”