कोलकाता, पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम कोलकाता से मेयर बनने वाले पहले मुस्लिम हैं। आज़ादी के बाद से कोई भी मुस्लिम वहां से मेयर नहीं बना था। फिरहाद हकीम को 144 सदस्यीय कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में 121 वोट मिले। वहीं, बीजेपी कैंडिडेट मीना देवी पुरोहित को सिर्फ पांच वोट मिले। चुनाव में लेफ्ट फ्रंट के 12 सदस्य और कांग्रेस के 2 काउंसलर ने चुनाव का बॉयकोट किया। चुनाव सीक्रेट बैलेट के द्वारा करवाया गया था।
चुनाव के अंतिम परिणाम की घोषणा म्युनिसिपल सेक्रेट्री हरिहर प्रसाद ने की। शहर के मेयर का पद नवंबर 22 से सोवन चटर्जी के इस्तीफा देने के बाद से ही खाली था। जीतने के बाद फिराद हकीम ने कहा कि उनकी जीत बीजेपी कैंडिडेट के लिए नैतिक हार है। हकीम का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पुरोहित ने पिछले सप्ताह कहा था कि वो कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में अपनी पार्टी के स्ट्रेंथ से ज्यादा वोट हासिल करेंगी। इससे चुनाव में क्रॉस वोटिंग की उम्मीद बढ़ गई थी।
हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद इस तरह की सारी संभावनाएं खत्म हो गई। फिरहाद हकीम ने कहा कि वो चाहते हैं कि उन्हें उनके काम के कारण याद किया जाए, न कि धर्म के कारण। उन्होंने विकास के अनेक कार्यों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि वो शहर की सुंदरती बढ़ाने, प्रदूषण हटाने और अन्य विकास कार्यों पर अपना ध्यान लगाएंगे। नव निवार्चित मेयर ने एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है जिसके माध्यम से लोग उन्हें सुझाव दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह उनकी प्राथमिकता है कि आने वाले बारिश के मौसम में शहर में पानी लगने की समस्या न हो।