नई दिल्ली,
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल ने बुधवार को कहा कि कश्मीर को अभूतपूर्व तरीके से बंधक बना लिया गया है। और स्थानीय लोगों को अभी इसका अहसास होना बाकी है कि उनके ऊपर कितना बड़ा पहाड़ गिरा है।
शाह फैसल ने अपने ट्विटर एकाउंट के जरिये कहा है कि “अभी तक आधिकारिक रूप से किसी भी तरह की हिंसक घटना की सूचना नहीं आयी है। रामगढ़, नातीपोरा, डाउनटाउन, कुलगाम, अनंतनाग आदि इलाकों से छिटपुट पत्थरबाजी की रिपोर्ट मिली है। लेकिन किसी हत्या की सूचना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि “लोग अवाक हैं, बिल्कुल सुन्न हो गए हैं….उनके ऊपर क्या गिरा है इसका अभी उन्हें अहसास करना बाकी है। हमने जो खोया है उसका हर कोई शोक मना रहा है….राज्य का जाना हर किसी को बहुत गहरा चोट पहुंचाया है। इसको पिछले 70 सालों में भारत द्वारा अब तक का सबसे बड़ा विश्वासघात माना जा रहा है।” “उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन तक पहुंच पाना संभव नहीं है और न ही उन्हें मैसेज भेजा जा सकता है। दूसरे जिलों में कर्फ्यू में और कड़ाई है। आप कह सकते हैं कि पूरी 80 लाख आबादी उस तरह बंधक बना ली गयी है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।”
फैसल ने कहा कि बुनियादी जरूरतों और सामानों की अभी कोई कमी नहीं है। जिनके पास डिस टीवी है वे सब न्यूज देख सकते हैं। “बहुत सारे लोगों को अभी भी नहीं पता है कि क्या हुआ।”
https://www.facebook.com/shah.faesal.3/posts/10157444195263351
कुछ नेता जो हिरासत से बच गये हैं उन्होंने टीवी चैनल द्वारा लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि “ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार 8 से लेकर 10 हजार तक की मौतों के लिए तैयार है। इसलिए समय की मांग है कि हम किसी को भी नरसंहार करने का मौका न दें। मेरी यह भी अपील है कि पहले जिंदा रहते हैं फिर उसके बाद लड़ाई भी लड़ लेंगे।”
फैसल ने कहा कि सुरक्षा बलों का पूरा हाव-भाव बेहद रूखा है। और लोगों को शारीरिक बल के जरिये धकिया दिया जा रहा है। “लेकिन यह बेहद चोट पहुंचाने वाली बात है कि कश्मीरी बिल्कुल शांत हैं।”
"After #Article370 my worry is we may be looking at a new phase of conflict" argues @shahfaesal in this week's #BehasWithBarkha. "No one will buy land if uncertain climate. People will buy land for graveyards. You cant transact in graveyards."- Excerpts, Full Intvw coming soon pic.twitter.com/szNQ4lQBKx
— barkha dutt (@BDUTT) August 8, 2019
उन्होंने कहा कि “हवाई अड्डे पर मेरी मुलाकात उन खिन्न युवाओं से हुई जो मुझसे पूछ रहे थे कि आखिर क्या किया जाए। मैंने कहा कि हमें एक साथ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और इस अन्याय को पलटने की गुहार लगानी चाहिए। इन गैरसंवैधानिक कानूनों को जिसने हमारे इतिहास और पहचान को दबा दिया है, चुनौती देने के मसले पर सभी राजनीतिक दल एक हैं।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोई आशा न होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि “जीवन की सच्चाई यह है कि केवल नरेंद्र मोदी और अमित शाह उस धन को हमें दे सकते हैं जिसको दिनदहाड़े मुझसे चुरा लिया गया है। लेकिन जो खो गया है वह खो गया है। या फिर सब कुछ चला गया। सिवाय लड़ने के हमारे संकल्प के। और हम लड़ेंगे।”
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1159331495481245699