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19 Mar 2025, Wed

कासगंज हिंसा… सच में गुप्ता जी को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है

AKASH YADAV ON KASGANJ RIOT 1 010218

आकाश यादव की फेसबुक वाल से

लखनऊ, यूपी
अकेले गुप्ता जी ही क्यों पटेल जी, लोधी जी, साहू साहब, मौर्या जी और भी तमाम ऐसे ही लोगों के लिये भी कासगंज में हुए उपद्रव से सीख लेते हुए अपने दिमाग और समझ के दरवाजों पर लगे तालों को खोलना चाहिये।

इन सब को ये सोचना चाहिये कि आखिर जिस उम्र में उनके बच्चों को पढ़ाई और नौकरी के बेहतर अवसर की तलाश में निकलना चाहिये उस उम्र में वे हाथों में भगवा झंडा लिये अपनी महंगी-महंगी बाइकों से हुंकार भरते हुए हिन्दुत्व के नाम पर मर मिटने को तैयार हो रहे हैं।

इतनी हिंसा कहा से भर रही है इनके अन्दर? कभी आपने सोचा इसके बारे में। जिस तिरंगा यात्रा पर आपके लड़के निकल रहे हैं उसकी हकीकत आप जानते हैं? इनकी सोच के हिसाब से ये यात्रा ऐसी है कि पकिस्तान में घुस कर पकिस्तान की सरजमीं पर अपना तिरंगा फहराना है। इतने घातक तरीके से इनके दिमागों को प्रोग्राम किया जा रहा है ताकि अन्त में देश के ही किसी नागरिक को ये मारने पर भी तैयार हो जाये। अगर ऐसे करते हुए ये बेचारे मर गए तो शहीद तो कहलाए ही जायेंगे। शायद तब आपको भी अपने लड़कों को खोने का गम नहीं होगा??

बहुत ही दुख की बात है कि आपका फायदा सरकार चुनाव मे भी उठा रही है और फिर चुनाव जीतने के बाद आपके लड़कों को भी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिये आग में झोक रही है। और आप इस सब से अंजान बने बैठा हैं। क्यों देश की इतनी विशाल युवा आबादी कभी भी रोजगार देने के नाम पर इस तरह की यात्रा नहीं निकालती?

क्यों कभी ये देश की लचर पढ़ाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये इस तरह की हुंकार यात्रा नहीं निकालते? ये ऐसा न कर पाये इसी वजह से इन्हे तिरंगा यात्रा के लिये तैयार किया जा रहा है….

*गुप्ता* जी के साथ ही साथ सभी को ये सोचना पड़ेगा कि आखिर कब तक वे अपने मासूम बच्चों की बलि यूं ही व्यर्थ में देते रहेंगे।।

#गहन_चिंतन_की_ज़रूरत_है

(आकाश यादव युवा पत्रकार हैं और लखनऊ में एक मीडिया संस्थान से जुड़े हैं)

 

One thought on “कासगंज हिंसा… सच में गुप्ता जी को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है”
  1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर …

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