गुरदीप सिंह सप्पल
नई दिल्ली
क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपराधी ठहराये गए व्यक्ति भी जज हो सकते हैं ? आर वी देशपांडे 8 बार के कांग्रेस MLA हैं। वहीं दूसरी तरफ केजी बोपैया 3 बार के बीजेपी के विधायक हैं। लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला ने केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाया। आखिर क्यों ?
क्योंकि जब 2010 में केजी बोपैया स्पीकर थे, तो उन्होंने 16 MLA को ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से अयोग्य घोषित कर भाजपा सरकार को बचायी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने उनके आदेश ख़ारिज किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे न्यायपूर्ण नहीं थे। कोर्ट ने ये भी कहा था कि केजी बोपैया ने Fair Play का टेस्ट पास नहीं किया था, यानि वे पक्षपात पूर्ण थे।
ऐसे में ये सवाल वाजिब है कि क्या इन्हीं केजी बोपैया अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लागू करने योग्य माना जा सकता है ? जिस व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ख़ुद ही गुनाहगार ठहरा चुका है, उसे ही अब वो ठीक वैसे ही केस में जज मानेगा? सवाल ये भी है कि ये तमाम बातें मोदी सरकार की जानकारी में हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में यूँ मलामत होने बावजूद उसने ऐसा क़दम क्यों लिया ? (राज्यपाल तो महज़ मोहरा ठहरे)
(गुरदीप सिंह सप्पल हिंद किसान मीडिया ग्रूप के हेड हैं। वो राज्य सभा टीवी के सीईओ रह चुके हैं। वह मीडिया में कई सालों से सक्रिय हैं।)