इकबाल अहमद
नई दिल्ली
19 जुलाई, 2018 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब बिहार से राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन ने राज्यसभा में सभापति की कुर्सी पर बैठकर सदन को संचालित किया। कहकशां परवीन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू से राज्यसभा सांसद हैं। कहकशां परवीन बिहार में महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह भागलपुर की महापौर के पद पर रह चुकी है।
उपसभापति पैनल में की गई थी शामिल
दरअसल इसी साल 29 मार्च को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने सभापति एम वेंकैया नायडू के सामने सदन में ये मुद्दा उठाया कि उपसभापति पैनल में कोई महिला का नाम नहीं है। इसके बाद 30 मार्च 2018 को सभापति वेंकैया नायडू ने कहकशां परवीन के नाम को पैनल में शामिल किया। उन्हें बासराव पाटिल के जगह उपसभापति पैनल में शामिल किया गया जो जल्द ही सेवानिवृत होने वाले थे।
क्या है उपसभापति पैनल
देश के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति होते हैं। उनकी मदद के लिए एक उपसभापति होता है। फिलहाल सहमति न होने की वजह से उपसभापति पद खाली है। सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए उपसभापति पैनल होता है इसमें 5 सदस्य होते हैं।
कहकशां ने निभाई परंपरा
इतने बड़े पद पर पहुंच कर जिस सादगी और सलीके से सर पर दुपट्टा रख कर कहकशां परवीन ने सभापति की कुर्सी पर बैठकर सदन की कार्यवाही संचालित की है वो नई पीढ़ी को एक बड़ा सन्देश है। दरअसल आजकल के माहौल में कुछ लोग थोड़ा सा ऊँचाई पर पहुँचते है तो अपने तौर-तरीके और परंपरा को भूलकर आधुनिकता की धारा में बह जाते हैं। यही वजह है कि वो अपनी पहचान खो देते हैं। कहकशां परवीन का ये अंदाज और उनकी सादगी ने समाज को एक बेहतरीन मैसेज दिया है। पीएनएस टीम की तरफ से उन्हें ढेरों बधाईयां।