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22 Nov 2024, Fri

रोहिंग्याई मुस्लिमों का नरसंहार: खबर लिखने वाले पत्रकारों को सज़ा

MYANMAR REPORTER ARREST 1 040918

यांगोन, म्यांमार

म्यांमार की एक स्थानीय कोर्ट ने सोमवार को रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के दो पत्रकारों 32 साल के वा लोन और 28 साल के क्याव सो ऊ को 7-7 साल की सज़ा सुनाई है। जज ये लविन ने कहा कि दोनों ने म्यांमार के गोपनीयता कानून को तोड़कर रोहिंग्याई मामले की रिपोर्टिंग की। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार में अदालतें स्वतंत्र रूप से फैसला लेती हैं। आगे की कार्रवाई भी कानून के तहत ही होगी।

दरअसल दोनों पत्रकारों ने रोहिंग्या मे जारी मुसलमानों के नरसंहार से जुड़ी खबरों को कवर किया था। इन खबरों में सेना पर भी सवाल उठाए गए थे। इस फैसले के बाद पत्रकारों ने इसे मीडिया की आजादी पर हमला करार दिया। वहीं, इंग्लैंड और यूरोपीय यूनियन ने दोनों रिपोर्टरों को फौरन से रिहा करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अगर म्यांमार नहीं मानता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पत्रकारों को सज़ा मिलने के बाद ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया डायरेक्टर फिल रॉबर्टसन ने ट्वीट करके कहा, “रॉयटर्स के दो रिपोर्टर्स को दोषी करार दिया जाना म्यांमार में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। ये दिखाता है कि इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिज्म से म्यांमार सरकार किस तरह डरती है।” लोन और ऊ को जुलाई में गोपनीयता कानून तोड़ने का दोषी पाया गया था। इसके तहत अधिकतम 14 साल की सजा हो सकती थी। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने रिपोर्टर्स को सजा दिए जाने की आलोचना की है।